अपने ही जाल में फंसे ललन सिंह: शराबी था उनकी मटन पार्टी का मैनेजर, उसी ने सम्राट चौधरी पर झूठा आरोप लगाने का केस किया

अपने ही जाल में फंसे ललन सिंह: शराबी था उनकी मटन पार्टी का मैनेजर, उसी ने सम्राट चौधरी पर झूठा आरोप लगाने का केस किया

PATNA: बिहार में अभी शराब पर पॉलिटिक्स केस मुकदमे तक पहुंच गयी है. 6 दिन पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मुंगेर में मीट-भात का बड़ा भोज दिया था. भोज में बवाल हुआ और उसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि ललन सिंह के मीट-भात की पार्टी में दारू भी परोसा गया था. इसके बाद बौखलाये जेडीयू नेताओं ने सम्राट चौधरी के खिलाफ केस करने का सिलसिला शुरू किया है. लेकिन अब इसमें सबसे दिलचस्प बात निकल कर सामने आयी है.


पटना में छात्र जेडीयू के एक नेता ने कोतवाली थाने में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ इसी मामले में एफआईआर दर्ज कराया है. छात्र जेडीयू के जिस नेता ने सम्राट चौधरी के खिलाफ केस दर्ज कराया है वह खुद शराबी निकला है. पुलिस ने उसे शराब पीते रंगे हाथों पकड़ा था. तब छात्र जेडीयू का नेता नशे में धुत्त था, पुलिस ने उसके पास से शराब भी बरामद किया था. अब उसी शराबी नेता ने पुलिस के पास आवेदन दे कर कहा है कि वह ललन सिंह के मीट-भात के पार्टी का प्रबंधन कर रहा था. जेडीयू के शराबी नेता ने पुलिस को शिकायत की है कि  सम्राट चौधरी ने ललन सिंह की पार्टी में दारू परोसने की आरोप लगा कर बड़ा गुनाह कर दिया है. इसलिए पुलिस सम्राट चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करे.


पहले जेडीयू के शराबी नेता की FIR देखिये

जेडीयू के अमित माधव नाम के नेता ने 17 मई को पटना के कोतवाली थाने में FIR दर्ज करने के लिए आवेदन दिया. अमित माधव ने पुलिस को दिये आवेदन में लिखा- मैं अमित माधव वर्तमान में A.N. College छात्र संघ में अपनी पार्टी JDU का निर्वाचित संयुक्त सचिव हूँ. मुंगेर लोकसभा में JDU पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता हूँ और वहां पार्टी या अपने नेता के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में प्रबंधन कार्य को निष्पादित करता रहा हूँ. वर्तमान में मुंगेर लोकसभा से हमारे पार्टी के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सांसद हैं और इस क्षेत्र में काफी सक्रिय और लोकप्रिय हैं. इसी सक्रियता के क्रम में वे मुंगेर लोक सभा के अंतर्गत अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान स्वरूप भोज का आयोजन करते आ रहे हैं जिसमें मीट- भात मुख्य रूप से होता है. हमलोग इसके प्रबंधन और संचालन समिति में होते है.


मीट-भात का मैनेजमेंट कर रहा था अमित माधव

जेडीयू के छात्र नेता अमित माधव ने पुलिस में की गयी शिकायत में कहा है कि पिछले 14 मई को ललन सिंह ने भोज का आयोजन किया गया था जिसमें मीट-भात मुख्य तौर पर शामिल था और इसके भी प्रबंधन में मैं शामिल था. 15 मई को मैं अपने प्रदेश JDU में मौजूद था तभी मुझे जानकारी मिली कि बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने उस के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा की मीट-भात के साथ साथ दारू- शराब भी परोसी जा रही थी जबकि बिहार में शराब पूर्णतः निषेध है. आज भी 17 मई को जब मैं अपने JDU पार्टी कार्यालय में बैठा था तो फिर न्यूज के माध्यम से सुनने को मिला है कि भाजपा के नेता विजय सिन्हा ने मुंगेर में कुत्ते के गायब होने की बात करते हुए इसको हमारे नेता ललन सिंह द्वारा दिए भोज से जोड़ दिया.


ये सभी बहुत ही भ्रामक, झूठ, लोकप्रियता को धूमिल करने व समुदाय के बीच द्वेष फैलाने बाली बाते हैं. जो कि बहुत ही गंभीर प्रवृति के अपराध के श्रेणी में शामिल होते हैं. अतः पुलिस से पार्थना है की भ्रामक, झूठ, लोकप्रियता को धूमिल करने और समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने के आरोप में सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और अन्य व्यक्तियों पर जांच कर प्राथमिकी लिख आवश्यक कानूनी कारवाई सुनिश्चित करने की कृपा करेंगे.


केस दर्ज कराने वाले जेडीयू नेता की हकीकत जानिये

अमित माधव नाम के जिस जेडीयू नेता ने ये कहा है कि वह ललन सिंह की मीट-भात की पार्टी की मैनेजमेंट देख रहा था और सम्राट चौधरी ने उस पार्टी में दारू परोसने की बात कर बड़ा गुनाह किया है, उसकी हकीकत भी जान लीजिये. जेडीयू के निर्वाचित छात्र नेता अमित माधव के खिलाफ बिहार सरकार की पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर रखा है. पुलिस ने उसे शराब पीते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. घटना सिर्फ 8 महीने पहले की है. उसकी कहानी जानिये.


7 सितंबर 2022 को पटना के कंकड़बाग थाने में वहां तैनात एएसआई अरविंद कुमार ने एफआईआर दर्ज करायी. इसका केस नंबर-840/22 है. पुलिस के एएसआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि उन्हें खबर मिली कि कंकडबाग के पीसी कॉलोनी के मकान संख्या-जे-36 में कुछ लोग बैठ कर शराब पी रहे हैं. इसके बाद पुलिस टीम ने वहां छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पाया गया कि वहां 6 लोग बैठ कर दारू पी रहे थे. पुलिस ने उन्हें घेर कर पकड़ा. पुलिस ने जिन 6 लोगों को घेर कर पकड़ा, उनमें पहले नंबर पर जिस व्यक्ति का नाम है वह है अमित माधव, पिता का नाम-मनीष माधव.


अमित माधव और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उस कमरे की तलाशी ली जहां सब बैठ कर शराब पी रहे थे. वहां ब्लेंडर प्राइड शराब के साथ साथ सोडा और पीने-खाने के कई सामान बरामद हुए. पुलिस ने उन सबों को गिरफ्तार करने के बाद ब्रेथ एनालाइजर मशीन से सारे लोगों की जांच करायी. ब्रेथ एनालाइजर की जांच रिपोर्ट में अमित माधव की रिपोर्ट BAC 131 एमजी/100 एमएल पायी गयी. सामान्य भाषा में कहें तो अमित माधव शराब नशे में धुत्त था. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर उत्पाद अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था.


जेडीयू की फजीहत 

अब पहला सवाल ये उठ रहा है कि शराब पीते पकड़ा गया व्यक्ति जेडीयू का पदाधिकारी कैसे बन गया. जबकि नीतीश कुमार शराब पीने को सबसे बड़ा पाप मानते हैं. फिर वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मटन-पार्टी का प्रबंधक भी बन गया. और आखिर में उसने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर केस भी दर्ज कराया कि वे मीट-भात की पार्टी में शराब परोसने का झूठा आरोप लगाकर सामाजिक विद्वेष फैला रहे हैं औऱ जेडीयू की लोकप्रियता धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं.