अमित शाह ने नीतीश को मनाने के लिए नहीं बल्कि तीखी नसीहत देने के लिए कॉल किया था: जानिये क्या हुआ था 7 अगस्त को

अमित शाह ने नीतीश को मनाने के लिए नहीं बल्कि तीखी नसीहत देने के लिए कॉल किया था: जानिये क्या हुआ था 7 अगस्त को

PATNA: पिछले महीने यानि 9 अगस्त की ही बात है जब नीतीश कुमार ने फिर से पाला बदल लिया था. बीजेपी का साथ छोड़ कर नीतीश कुमार ने राजद-कांग्रेस का दामन थाम लिया था. उसी दौरान ये खबर आय़ी थी कि अमित शाह ने नीतीश कुमार को फोन कर मनाने की कोशिश की थी. लेकिन उस दौरान अमित शाह औऱ नीतीश कुमार में क्या बात हुई थी ये अब सामने आय़ी है. दरअसल अमित शाह ने नीतीश कुमार को मनाने के लिए नहीं बल्कि तीखी नसीहत देने के लिए कॉल किया था.





सूत्रों के मुताबिक किशनगंज में भाजपा के सीनियर नेताओं से बातचीत में अमित शाह ने ये बताया कि नीतीश जब पलटी मार रहे थे तो उससे पहले उनकी क्या बात हुई थी. बीजेपी के एक सीनियर नेता ने फर्स्ट बिहार को वो पूरी कहानी सुनायी. नीतीश कुमार ने पिछले 9 अगस्त को पाला बदला था, उससे ठीक दो दिन पहले अमित शाह ने नीतीश कुमार को कॉल किया था. भाजपा नेताओं के मुताबिक अमित शाह को भनक मिली थी कि नीतीश पलटी मारने वाले हैं. ऐसे में अमित शाह ने नीतीश कुमार को कॉल लगाया था





पिछले 7 अगस्त को नीतीश कुमार औऱ अमित शाह के बीच बात हुई थी. अमित शाह ने अपनी पार्टी के नेताओं को बताया कि उन्होंने नीतीश कुमार को मनाने के लिए कॉल नहीं था. उन्होंने तो नीतीश कुमार को फोन कर कहा था कि अगर जा रहे हैं तो कर्टसी यानि शिष्टाचार निभा कर जाइयेगा. जाने से पहले बीजेपी को बता दीजियेगा कि हम आपके साथ नहीं रहेंगे औऱ दूसरी जगह जा रहे हैं.  अमित शाह के मुताबिक नीतीश कुमार ने ये सुनते ही कहा कि ये सब गलत बात है. वे कहीं नहीं जा रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि आपकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह क्या बोल रहे हैं. इस पर नीतीश ने कहा कि ललन सिंह की बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिये.





दरअसल अमित शाह ने नीतीश को चंद्रबाबू नायडू का उदाहरण भी दिया. चंद्रबाबू नायडू पहले बीजेपी के साथ थे लेकिन बाद में वे अलग हो गये. लेकिन बीजेपी से नाता तोड़ने से पहले चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बता दिया कि वे बीजेपी के साथ नहीं रहेंगे. ऐसे में आज भाजपा औऱ चंद्रबाबू नायडू भले ही अलग-अलग हों लेकिन संबंध खराब नहीं है. 




अमित शाह ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि बीजेपी की कोई मंशा नहीं थी कि वह नीतीश कुमार की पलटीमार सरकार में कोई अडंगा लगाये. उस समय राजद औऱ जेडीयू के नेता आरोप लगा रहे थे कि राज्यपाल और स्पीकर के जरिये बीजेपी खेल करने वाली है. लेकिन वैसे सारे आरोप गलत साबित हुए. अमित शाह ने कहा कि हम जान रहे थे कि नीतीश कुमार अपने साथ साथ लालू परिवार को भी डूबोने जा रहे हैं. फिर हम क्यों अडंगा लगायेंगे.