RANCHI: केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए गुरूवार शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ रांची पहुंचे। बुधवार की दोपहर को हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद दोनों राज्यों के सीएम ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। हेमंत सोरेन को अपना भाई बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि समय समय पर इनसे बात होती रहती है, दिल्ली की जनता के समर्थन में इन्होने अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देने की बात कही है और कहा है कि संसद से लेकर सड़क तक इस मामले में वो साथ देने को तैयार है।
केजरीवाल ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार को शक्ति दी और 19 मई रात 10 बजे केंद्र की सरकार ने अध्यादेश लाकर सारी शक्तियां छीन ली। लोकसभा में तो बीजेपी के पास बहुमत है लेकिन राज्यसभा में बीजेपी 238 में 93 सीट है, अगर हम सभी विपक्षी दल इकट्ठा हो जाएं तो बीजेपी को हराया जा सकता है। ये अध्यादेश जनतंत्र और संविधान के खिलाफ है और ऐसा अध्यादेश किसी भी राज्य में लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने संविधान के बेसिक मूल्यों के साथ छेड़छाड़ की है। अभी तो उन्हाने संघर्ष शुरू किया है, उम्मीद है कि उन्हें सबका समर्थन मिलेगा। कांग्रेस के समर्थन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस से समय मांगा है उम्मीद है कि उनको समय मिलेगा। आगे उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को तय करना है कि वो जनतंत्र और संविधान के साथ है या मोदी के साथ।
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार योजनाबद्ध तरीके से एक चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने दे रही है। अध्यादेश लाना संघीय ठांचे पर प्रहार है, अनेकता में एकता पर चोट है। केंद्र सरकार संघीय ठांचे की बात करती है लेकिन कार्य इसके उलट करती है। गैर बीजेपी शासित राज्यों पर प्रहार किया जा रहा है वो दरअसल जनता पर प्रहार है। इस पूरे मामले को राजनीतिक और कानूनी दोनों तौर पर लड़ने की आवश्कता है।