PATNA: राजधानी पटना के जिस सरकारी बंगले को अभिशप्त यानि मनहूस माना जाता है, उसमें आज बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी शिफ्ट हो गए. पूजा पाठ करा कर सम्राट अपने नए बंगले में पहुंचे. मीडिया ने सवाल पूछा कि इस बंगले का किस्सा मालूम है तो खीज गए. कहा- अरे भाई मुझे अब फिर बिहार का डिप्टी सीएम नहीं बनना है. मैंने कह दिया न.
5 देशरत्न मार्ग का बंगला
ये वही बंगला है, जिसे कुछ दिनों पहले तेजस्वी यादव ने खाली किया था. खबर ये आई थी कि तेजस्वी इस बंगले से नल की टोंटी भी खोल कर ले गए. गुस्साए तेजस्वी ने कहा था कि उन्होंने बंगला खाली करने के समय विडियो बनवाया था और उसे बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग को भेज दिया था.
ये बंगला बिहार सरकार ने डिप्टी सीएम के लिए तय कर रखा है. सम्राट चौधरी इस साल जनवरी में डिप्टी सीएम बने थे, लेकिन कुर्सी पर बैठने के 9 महीने बाद अपने बंगले में शिफ्ट हुए हैं. कहा ये भी जा रहा है कि सम्राट इस बंगले में कभी कभी ही नजर आएंगे. वे पहले से ही अपने निजी घर में रहते हैं. लोगों से मुलाकात के लिए उन्होंने बीजेपी के एक नेता के नाम पर पहले से ही एक बंगला अलॉट करा कर अपने कब्जे में रखा है. वो सारा सिस्टम बना रहेगा.
क्यों अभिशप्त है बंगला ?
5, देशरत्न मार्ग के इस बंगले की कहानी बड़ी दिलचस्प है. इस बंगले में जिसने प्रवेश किया, उसकी किस्मत रूठ जाती है. दरअसल, इस बंगले की कहानी शुरू हुई 2015 में. तब बिहार में नीतीश और लालू के गठबंधन ने सरकार बनाई थी. लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पहली बार सरकार में आए और डिप्टी सीएम बने.
2015 में सत्ता में आए तेजस्वी ने बड़े शौक से 5, देशरत्न मार्ग के बंगले को बनवाया. इसे डिप्टी सीएम का आधिकारिक बंगला घोषित कर दिया गया. कहा जाता है कि ये बंगला बिहार के राजभवन और सीएम आवास के बाद सबसे आलीशान बंगला है. बंगला इतना बड़ा है कि इस साल जनवरी में जब सरकार बनाने बिगाड़ने का खेल चल रहा था तो तेजस्वी ने महागठबंधन के 100 विधायकों का इसी बंगले में रहने का इंतजाम कर दिया था.
लेकिन जिस बंगले को तेजस्वी ने 2015-2016 में इतने शौक से बनवाया था, उसने साल-दो साल में ही उनका साथ छोड़ दिया. 2017 में नीतीश कुमार ने पाला बदला और वे बीजेपी के साथ चले गए. इसके साथ ही तेजस्वी की कुर्सी भी चली गई. उस वक्त तेजस्वी इस बंगले को छोड़ना नहीं चाहते थे, बंगला बचाने के लिए वे कोर्ट तक गए लेकिन आखिरकार उसे खाली करना ही पड़ा.
2017 में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई तो ये बंगला तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के नाम अलॉट हो गया. लेकिन उनकी सियासी किस्मत भी रूठ गई. 2020 में चुनाव के बाद जब नीतीश और बीजेपी की ही नई सरकार बनी तो सुशील कुमार मोदी सरकार से आउट कर दिए गए.
2020 में बीजेपी ने तार किशोर प्रसाद और रेणू देवी को डिप्टी सीएम बनाया और नंबर वन के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद को 5, देशरत्न मार्ग का बंगला अलॉट कर दिया गया. तार किशोर इस बंगले में गए और फिर उनका भी हश्र वैसा ही हो गया. 2022 में नीतीश कुमार ने फिर पाला बदल लिया. नीतीश फिर से आरजेडी के साथ चले गए. तार किशोर प्रसाद की कुर्सी और बंगला दोनों गया.
2022 में फिर से डिप्टी सीएम बने तेजस्वी के पास एक बार फिर 5, देशरत्न मार्ग का डिप्टी सीएम वाला बंगला आ गया. तेजस्वी वहां शिफ्ट भी हो गए लेकिन सवा साल में ही किस्मत पलट गई. 2024 के जनवरी में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मार ली और फिर से बीजेपी के साथ चले गए. तेजस्वी डिप्टी सीएम से नेता प्रतिपक्ष बन गए. अबकी डिप्टी सीएम बने सम्राट के पास ये बंगला आया है, देखना होगा कि उनके साथ क्या होता है.