DESK : कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश के तमाम बड़े शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है. कल बिहार सरकार ने भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. लॉकडाउन की बात सुन के बहुत से लोग घबरा गए है. अफवाहों ने इस परेशानी को और बढ़ा दी है. पर लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है. सरकार लॉकडाउन के दौरान लोगों का पूरा ख्याल रखती है. बता दें सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों जैसे डेनमार्क, इंग्लैंड, अमेरिका, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में वहां की सरकार ने लॉकडाउन का आदेश दे दिया है.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का अब तक कोई इलाज नहीं मिला पाया गया है. इससे बचने का फ़िलहाल एक ही रास्ता है, वो है संक्रमित व्यक्ति से बचाव. जिस तेजी से लगातार संक्रमित व्यक्तियों की तादाद बढ़ रही है, उसे देखते हुए बिहार सरकार ने लॉकडाउन की व्यस्था लागू की है ताकि लोग एक दूसरे से कम मिलें. सरकार के तमाम आदेशों के बावजूद कुछ लोग इस का पालन नहीं कर रहे हैं. कल ही बिहार में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और फ़िलहाल दो कोरोना पीड़ित मरीज पटना के हॉस्पिटल में एडमिट है. ऐसे में लॉकडाउन की व्यस्था लागू करने का ही विकल्प सरकार के पास बचा था.
आइये जानते है क्या है लॉकडाउन और इसे कब लागू किया जाता है-
लॉकडाउन एक एमरजेंसी व्यवस्था है जो एपिडेमिक या किसी आपदा के वक्त शहर में सरकार द्वारा लागू की जाती है. लॉकडाउन की स्थिति में उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती. उन्हें सिर्फ दवा या अनाज जैसी जरूरी चीजों के लिए बाहर आने की इजाजत मिलती है. या फिर बैंक से पैसा निकालने के लिए भी जा सकते हैं.
लॉकडाउन क्यों किया जाता है?
शहर में रहने वाले स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य या अन्य खतरों से बचाव के लिए इसे लागू किया जाता है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसेस को देखते हुए इस व्यस्था को अपनाया जा रहा है. सरकार के बजाय इसे लोग खुद अपने पर लागू करते है. उदाहरण के लिए इटली के कई इलाकों में खुद ही लोगों ने अपने आपको घरों में कैद कर लिया था, ताकि कोरोना का संक्रमण उन तक न पहुंचे. वहीं जिन इलाकों में संक्रमित व्यक्ति ज्यादा मिल जाते हैं, वहां भी लॉकडाउन लागू कर दिया जाता है.
कोरोना वायरस के कारण कई देशो में हुआ है लॉक डाउन.
कोरोना वायरस के कहर की वजह से कई देशों में पहले ही लॉक डाउन का आदेश जारी कर दिया गया है. बता दें कि चीन में ही सबसे पहले कोरोना वायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया. चीन की सरकार ने लोगों को एक तरह से हाउस अरेस्ट में रहने के लिए कहा था. इटली में भी बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए वहां की सरकार ने भी लॉकडाउन का आदेश जारी किया है. इटली की स्थिति दिन प्रति दिन ख़राब होती जा रही है. वहां कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या अब चीन से कहीं ज्यादा हो गई है.ऐसे में इटली के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है. बाद में स्पेन और फ्रांस ने भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन का आदेश जारी कर दिया.
2020 से पहले भी हुआ था लॉकडाउन
अमेरिका में जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था, तब भी लॉक डाउन किया गया था. तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने उस वक्त तीन दिन का लॉकडाउन किया था.
वहीं दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स की पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था.
नवंबर 2015 में पैरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था.