आबादी में चीन से आगे निकला भारत: आर्थिक दृष्टिकोण से जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी- ऋतुराज सिन्हा

आबादी में चीन से आगे निकला भारत: आर्थिक दृष्टिकोण से जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी- ऋतुराज सिन्हा

PATNA: आबादी के मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के आंकड़ों की माने तो भारत 142.86 करोड़ लोगों के साथ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। जनसंख्या के मामले में भारत चीन से भी आगे निकल गया है। UNFPA के अनुसार चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है जबकि भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गयी है। बिहार में जातीय गणना सरकार करवा रही है। जातीय गणना पर बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा है कि जिस तर्ज पर जातीय गणना हो रही है उसका आधार सही नही है। 


जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय, दोनों का अनुपात देखा जाता है। आर्थिक दृष्टिकोण से भी देश में जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाए जाने की जरूरत है, जिसे बिहार के मुख्यमंत्री जी नज़र अंदाज कर रहें हैं। उनको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की सरकारी खजाने का उपयोग राजनैतिक कारणों के लिए नहीं वरन राज्य के लोगों की उन्नति के लिए होनी चाहिए। 


उन्होंने कहा कि जाति गणना की जो प्रक्रिया है वो पारदर्शी नहीं प्रतीत होती हैं। देश में लगभग 142 करोड़ से अधिक संख्या हो गई है, हम विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है। एक तरफ भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है लेकिन तत्पश्चात भी अगर प्रति व्यक्ति आय के रूप से देखा जाए  तो आज भी भारत का रैंकिंग विश्व में 120 वे से नीचे है। 


ऐसा इसलिए है क्योंकि अर्थव्यवस्था के आकार और जनसंख्या को जब डिवाइड करते हैं तो प्रति व्यक्ति आय निकलती है। मोदी जी के शासन में भारत की इकॉनमी पिछले नौ वर्षों में दोगुनी हो गई। लेकिन इतनी प्रगति और प्रोग्रेस के बावजूद हमारी जनसंख्या जिस तरह से फैल रही है तो कहीं ना कहीं प्रति व्यक्ति आय कम होगी l 


सरकार ने पिछले 9 वर्षो में गरीब कल्याण के लिए अभूतपूर्व कार्य किए है लेकिन उसके बाद भी समस्या आ रही है और आने वाले समय में ये समस्या और प्रचंड होगी। आने वाले 20-25 साल में ये समस्या और विकराल रूप धारण करेगा जिसके रोकथाम के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून अब भारत की जरूरत बन चुकी है । 


उन्होंने बिहार में हो रहे जातीय जनगणना के विषय में कहा कि  हमने बिहार के विधानसभा में जातीय जनगणना का समर्थन किया है हमारा मानना है कि अगर जातीय जनगणना से  हर एक जात बिरादरी का गरीब वर्ग जो है, उसको सरकार की योजना  और कार्यक्रम प्राप्त होने में सहूलियत होती है तो स्वागत योग्य है । पर अगर सिर्फ इसके पीछे वोटो की राजनीति के लिए किया जा रहा हो तो यह बिहार के लिए दुर्भाग्य का विषय है ।