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DESK: मोबाइल पर गेम औऱ वीडियो के बजाय अगर बच्चों को सही जानकारी दी जाये तो उसका क्या फायदा हो सकता है इसकी कहानी सामने आयी है. 7 साल के बच्चे की समझदारी ने उसकी मां को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. परिवार ने बच्चे को बता रखा था कि किसी इमरजेंसी में क्या सब करना चाहिये. बच्चे को दी गयी यही शिक्षा काम आयी।
सूरत के बच्चे ने बचायी जान
ये वाकया गुजरात के सूरत शहर की है, जहां एक 7 साल के बच्चे की समझदारी से मां को जीवनदान मिला. घर में ही मां को हार्ट अटैक आ गया था और वह बेहोश हो कर गिर पड़ी. घर में उनके सात साल के बेटे के अलावा कोई औऱ मौजूद नहीं था. बेटे ने जब अपनी मां को बेहोश होते देखा तो तुरंत मोबाइल से आपातकालीन नंबर 108 डायल कर दिया. 5 मिनट में ही एंबुलेंस पहुंच गया और फिर महिला को अस्पताल पहुंचा दिया गया. तुरंत इलाज मिला और महिला की जान बच गयी।
40 वर्षीय मंजू पांडे मूल रूप से यूपी के अयोध्या की रहने वाली हैं, फिलहाल वह अपने पति और बेटे के साथ सूरत के संजय नगर में रहती हैं. बुधवार की दोपहर उन्हें उल्टी होनी शुरू हुई और हाथ-पैर कांपने लगे. थोड़ी देर बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ी. अपनी मां को बेहोश होते देख 7 साल के बेटे राहुल ने तुरंत 108 पर फोन किया और एंबुलेंस बुलाया।
राहुल ने बताया कि उन्हें एक बार उनकी बहन ने कहा था कि अगर किसी की तबीयत खराब हो जाये तो 108 नंबर पर फोन करना चाहिये. इससे एंबुलेंस आ जाता है. मंजू ने बताया कि वह तो बेहोश हो गयी थी, जब आंखें खुली तो खुद को अस्पताल में पाया.
डॉक्टरों ने कहा-बच्चों को ऐसी ही सीख दें
7 साल के बच्चे की बुद्धिमता देख कर डॉक्टर भी चकित हैं. सूरत सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि महिला के इलाज में देर होती तो फिर उसका जिंदा बचना मुश्किल होता. लेकिन उसने अपने छोटे से बेटे को जो सीख दे रखी थी उसी ने जान बचा दिया. इतनी छोटी उम्र में भी बच्चे को इतनी जानकारी होना बड़ी बात है. सूरत सिविल हॉस्पीटल की डॉक्टर प्रियंका ने बताया कि आमतौर पर इतनी कम उम्र में बच्चे मोबाइल पर गेम खेलते हैं या फिर कार्टून देखते रहते हैं. मोबाइल का सही इस्तेमाल करना, इस बच्चे से सीखा जा सकता है.