BIHAR: ट्रेन हादसे में पैर गंवाने वाले शिवम को मिला नया जीवन, समाजसेवी अजय सिंह ने दिलाया कृत्रिम पैर और नौकरी हजारीबाग डाक मंडल बना देश का नंबर 1, डाक जीवन बीमा में एक दिन में 5 करोड़ से अधिक प्रीमियम डिपॉजिट बेगूसराय में युवक की निर्मम हत्या: चाकू से गोदा, गोली मारी, प्रेम प्रसंग में मर्डर की आशंका डाईआर्च ग्रुप ने दिल्ली में खोला नया ऑफिस, Real Estate से लेकर FMCG सेक्टर तक का विस्तार Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी प्लस-2 विद्यालयों में नए बहाल 5728 प्रधानाध्यापकों की हुई पदस्थापन, लिस्ट..... Life Style: सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी और साग? जानिए... सही कारण Bihar Elections: इस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह? सुपरस्टार के संकेत से सियासी हलचल तेज Sawan 2025: बिहार के 5 प्रमुख कांवर रुट, जहां मिलती है श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ Manrega Yojna Bihar: एक दर्जन से अधिक पंचायत सेवकों पर फर्जीवाड़े का आरोप, अब होगी कार्रवाई Cricket: टेस्ट में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज, टॉप 3 में इंग्लैंड के 2 बल्लेबाज शामिल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 30 May 2024 09:55:51 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार सरकार की तरफ से पिछले दिनों राज्य में कार्यरत सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा घोषित करने का आदेश जारी किया गया था। ऐसे में नीतीश सरकार के आदेश के बावजूद बिहार के कुल 39 वरीय अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा घोषित नहीं किया है। इनमें 36 सीनियर आईएएस और तीन आईपीएस अफसर शामिल हैं।
ऐसे में अब संपत्ति का ब्योरा नहीं मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने इन्हें अल्टीमेटम जारी किया है। इनलोगों को संपत्ति की जानकारी 15 फरवरी तक ही देनी थी। प्रावधान के अनुसार संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं करने की स्थिति में उनके वेतन से कटौती समेत प्रशासनिक कार्रवाई करने का नियम है।सूबे के जिन वरीय आईपीएस अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा अब तक नहीं दिया है, उनमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की सचिव सुजाता चतुर्वेदी, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, राज्यसभा सचिवालय के सचिव राजित पुनहानी, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव अरुनीश चावला का नाम शामिल है।
इसके अलावा पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष राहुल सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े, नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव असंगबा चुबा आओ, औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव पलका साहनी, पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर लक्षमणन, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय यादव का भी नाम है।
इसके साथ ही उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव बालामुरुगन डी, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के निदेशक अश्विनी दत्तात्रेय ठकरे, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष आदेश तितरमारे, राजस्व विभाग वित्त मंत्रालय के निदेशक मनोज कुमार सिंह, पटना नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर शामिल हैं।
इनके अलावा, कटिहार के बंदोबस्त पदाधिकारी नरेश झा, लखीसराय डीएम रजनीकांत, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा, सहरसा के बंदोबस्त पदाधिकारी विश्वनाथ चौधरी, नगालैंड संवर्ग में सेवारत डॉ. जितेंद्र गुप्ता, खगड़िया बंदोबस्त पदाधिकारी अरुण कुमार झा, पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक डॉ. विद्यानंद सिंह, बेगूसराय के नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार सिंह, जमुई के बंदोबस्त पदाधिकारी पवन कुमार सिन्हा, नवादा बंदोबस्त पदाधिकारी मनोज कुमार का भी नाम है।
नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक श्याम बिहारी मीणा, राज्य निर्वाचन आयोग के ओएसडी संजय कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त विशाल राज, एड्स नियंत्रण सोसायटी के परियोजना निदेशक अनिल कुमार व महुआ अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रिमा अत्री के अलावा सामाजिक वानिकी के निदेशक सीपी खंडूजा, बिहार खेल प्राधिकरण के निदेशक पंकज कुमार राज व बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी विकास वैभव ने भी संपत्ति का ब्योरा नहीं सौंपा है। सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सिद्धेश्वर चौधर ने इन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि वे अब तक संपत्ति का ब्योरा न देने का कारण बताते हुए यथाशीघ्र जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को भेजें, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।