26 और 27 नवंबर को होगा पॉलिटेक्निक का एंट्रेंस एग्जाम, परीक्षा हॉल में चप्पल, हाफ शर्ट या कुर्ती में आने पर ही मिलेगी एंट्री

26 और 27 नवंबर को होगा पॉलिटेक्निक का एंट्रेंस एग्जाम, परीक्षा हॉल में चप्पल, हाफ शर्ट या कुर्ती में आने पर ही मिलेगी एंट्री

PATNA :  बिहार के सरकारी पॉलिटेक्निक अभियंत्रण, पारामेडिकल, पारा मेडिकल डेंटल में नामांकन के लिए 26 और 27 नवंबर को एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन किया जा रहा है. इस परीक्षा के लिए राजधानी पटना में 43 परीक्षा केंद्र बनाएं गए हैं. इस परीक्षा में ख़ास बात ये है कि जो भी स्टूडेंट एग्जाम देने आएंगे, उन्हें चप्पल, हाफ शर्ट या कुर्ती पहनकर ही आना होगा नहीं तो उन्हें एग्जाम हॉल में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा को लेकर प्रशासन ने लगभग सारी तैयारी कर ली है. इसमें परीक्षार्थी को चप्पल, हाफ शर्ट एवं कुर्ती पहन कर आने पर ही प्रवेश मिलेगा. जूता पहनकर आने वाले परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी. परीक्षा को लेकर किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में अपने साथ प्रवेश पत्र, कलम, परिचय पत्र के अलावे अन्य चीजें प्रतिबंधित रहेंगी. सेंटर पर केलकुलेटर, स्लाइड रूल, ग्राफ पेपर, चार्ट और किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा मोबाइल फोन पेजर एटीएम कार्ड घड़ी आदि रखना वर्जित है.


मंगलवार को परीक्षा को लेकर जिला प्रशासन की ओर से समीक्षा बैठक आयोजित हुई. स्वच्छ, शांतिपूर्ण एवं कदाचार मुक्त परीक्षा के संचालन और विधि व्यवस्था के लिए डीएम व एसएसपी की ओर से संयुक्त आदेश जारी कर दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. परीक्षा के सफल एवं शांतिपूर्ण आयोजन हेतु हिंदी भवन सभागार में प्रतिनियुक्त प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की ब्रीफिंग की गई और उन्हेंं निर्धारित दायित्व का जवाबदेही से निष्पादन करने का निर्देश दिया गया.


परीक्षा केंद्रों पर कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सभी अभ्यर्थी को थर्मल स्कैनिंग, हैंड सैनिटाइज एवं शारीरिक दूरी का अनुपालन कराते हुए प्रवेश दिया जाएगा. दृष्टि दिव्यांग अभ्यर्थियों को नियमानुसार चिकित्सा परिषद के हस्ताक्षर से निर्गत प्रमाण पत्र प्राप्त हो और अस्थि पंजर निशक्त अभ्यर्थी जो दोनों हाथ से लिखने में सक्षम नहीं हैं या सेरेब्रल पॉलसी से प्रभावित अभ्यर्थी जो लिखने में सक्षम नहीं है, उन्हें एक-एक एक-एक श्रुति लेखक रखने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही ऐसे अभ्यर्थी को हर घंटे 15 मिनट अतिरिक्त समय दिया जाएगा. सभी संबंधित दंडाधिकारी को इसका अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है.