ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील Bihar Crime News: ‘ये नहीं मैं इन्हें भगाकर ले आई हूं’ लड़की ने घर के भागकर रचाई शादी, वीडियो जारी कर की यह अपील एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी एक गांव ऐसा भी: पहली बार किसी छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, आजादी के बाद ऐतिहासिक उपलब्धि; दिलचस्प है कहानी Bihar News: पोखर में डूबने से सास-बहू की दर्दनाक मौत, शादी की खुशियां मातम में बदलीं Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा EC, शुरू कर दिया यह बड़ा जरूरी काम Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: तेज रफ्तार ट्रक ने एम्बुलेंस को मारी जोरदार टक्कर, हादसे में प्रेग्नेंट महिला की मौत, चार लोग घायल Bihar News: सड़क हादसे में पति की मौत के बाद पत्नी की भी गई जान, तीन मासूम के सिर से उठा मां-बाप का साया

लालू ने फिर खोला RSS का राज, कहा- मेरे भेदियों ने बताया RSS उन गांवों में क्या करता था

1st Bihar Published by: 2 Updated Thu, 11 Jul 2019 12:36:21 PM IST

लालू ने फिर खोला RSS का राज, कहा- मेरे भेदियों ने बताया RSS उन गांवों में क्या करता था

- फ़ोटो

DESK : आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर से RSS पर हमला बोला है.खराब तबियत और परिवार के अंदर चल रहे कलह के बीच लालू यादव के फेसबुक पेज पर कई दिनों बाद आज एक पोस्ट आया है. इस पोस्ट के माध्यम से लालू यादव ने अपने पुराने वक्त को याद किया है. RSS मुझे नापसंद दरअसल लालू यादव के फेसबुक पेज पर गोपालगंज टू रायसीना किताब के कुछ अंश को पोस्ट किया है. इस पोस्ट के माध्यम से लालू यादव RSS पर हमला बोलना चाह रहे है. लालू यादव ने इस पोस्ट में लिखा है कि मैं आरएसएस को नापसंद करता था इसलिए उनके नेताओं पर कड़ा नियंत्रण रखता था. इस पोस्ट में आडवाणी के रथ को रोकने का भी जिक्र किया गया है. दूसरे धर्म की निंदा होती थी निंदा लालू यादव के फेसबुक पेज जो आज पोस्ट किया गया है उसमें यह लिखा गया है कि RSS अपने शिविर आयोजित करने के लिए जानबूझकर ऐसे गाँव को चुनता था, जहां गरीब हिन्दू रहते थे और जहां से कुछ मीटर की दूरी पर अल्पसंख्यकों की बस्तियां होती थीं. शाखा प्रमुख सबसे पहले शारीरिक प्रशिक्षण देता था और फिर सांस्कृतिक और धार्मिक पाठ पढ़ाने लगता। वे लोग कुछ पुस्तिकाएं भी बांटते थे, जिसमें दूसरे धर्म की निंदा की जाती थी.