लालू खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, चिराग पासवान बोले...यादव समाज उनसे दूर जा रहा है, बंधुआ मजदूर बनकर नहीं रहना चाहता

लालू खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, चिराग पासवान बोले...यादव समाज उनसे दूर जा रहा है, बंधुआ मजदूर बनकर नहीं रहना चाहता

PATNA: लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि जाति विशेष को अपनी जायदाद समझने की सोच लंबे समय से एक परिवार की रही है। जिस यादव जाति को वो अपनी जायदाद समझते हैं उनके लिए उन्होंने क्या किया यह बड़ा सवाल है। यदि यादव समाज का विश्वास दूसरे गठबंधन या पार्टी में होता है तो एतराज किस बात की है। 


बता दें कि पटना के बापू सभागार में गोवर्धन पूजा के मौके पर कई यादव समुदाय के लोगों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। जिसे लेकर राजद और लालू प्रसाद यादव की ओर से टिप्पणी की गयी थी। इस पर चिराग पासवान ने कहा कि जो समाज बंधूआ मजदूर की तरह इनके साथ जुड़ा हुआ था वो अब इनसे दूर जा रहा है। इसी बात की चिंता राजद को हो गयी है।लोकतंत्र में कोई बंधुआ मजदूर बनकर नहीं रह सकता। जात-पात और धर्म से ऊपर होकर मताधिकार का प्रयोग लोगों को करना चाहिए। चिराग ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू यादव खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 


जमुई में दारोगा की हत्या पर कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध बालू खनन को लेकर एक गोरखधंधा बिहार सरकार के संरक्षण में पनप रहा है। बिहार के हरेक जिले में अवैध तरीके से बालू खनन हो रहा है। जो लोग इसे रोकने का प्रयास करते हैं तो उनकी हत्या कर दी जाती है। जमुई में पिछले दिनों एक पुल भी गिरा था जिसे देखने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गये थे। पुल गिरने के पीछे का कारण बालू खनन ही था।  यदि पीलर के आसपास के बालू को इस तरह से नहीं निकाला जाता तो पुल नहीं गिरता। दारोगा की हत्या खुल्लेआम दिनदहाड़े कर दी गयी है। बिहार में अपराधी कितने बैखौफ है यह देखने को मिल रहा है। अपराधी बालू का खनन कर रहे हैं इनको सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। नीतीश सरकार की चुप्पी इसी बात को लेकर है। 


वही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर पलटवार करते हुए चिराग ने कहा कि ऐसे लोगों पर जवाब देने का कोई मतलब नहीं है। फालतू की बाते करवाने के लिए इनकों सरकार ने अपने साथ रखा है। मंत्री जी के परिवार में इस तरीके से कोई घटना होती तो तब भी कहते कि इस तरह की घटनाएं होती रहती है। इनको क्या दोष दें जब इनके मुखिया ही अमर्यादित बयान देते रहते हैं। नीतीश कुमार का पतन उनका बयान ही बनेगा। मुख्यमंत्री के मीडिया से किनारा किये जाने पर कहा कि पहले मर्यादित भाषा का प्रयोग करते थे पता नहीं अब उनकों क्या हो गया। वे जितना कम बोले उतना ही अच्छा है। इनकी बॉडी लॉग्वेज भी ठीक नहीं है। 


चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार के हालात को लेकर हम सब को भी उनकी चिंता है। यदि इलाज की जरूरत हो तो जरूर करानी चाहिए। जिस तरह से बिहार की विधानसभा में अश्लील शब्दों का इस्तेमाल किया गया या मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, शायद यही कारण है कि अब नीतीश कुमार पत्रकारों को देखते ही हाथ जोड़ लेते हैं। उनके आस-पास के लोगों को चिंता होनी चाहिए, क्योंकि कुछ न कुछ तो गलत हो रहा है। मेरी चिंता मेरे प्रदेश के लिए भी है।