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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Mar 2025 08:27:27 PM IST
Parents - फ़ोटो Meta
Parenting Tips : बच्चे हमारा भविष्य हैं, और उनका भविष्य हमारी हाथों में। अगर आप चाहते हैं कि आपका लाडला जिंदगी की हर राह पर कामयाबी की सीढ़ियां चढ़े, तो उसकी नींव अभी से मजबूत करनी होगी। 10 से 12 साल की उम्र वो सुनहरा वक्त है, जब बच्चे जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता सीख सकते हैं। यहाँ चार आसान लेकिन जरूरी स्किल्स हैं, जो हर मां-बाप को अपने बच्चों को 12 साल से पहले जरूर सिखाने चाहिए। ये न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएंगे, बल्कि उनकी जिंदगी को आसान और बेहतर बनाएंगे।
1. कमरे को संभालना
कई मम्मियां सोचती हैं, "मेरा बच्चा अभी छोटा है, इसे काम क्यों करवाऊं?" लेकिन सच तो ये है कि 10 साल की उम्र के बाद बच्चे को अपने कमरे की सफाई सिखाना शुरू कर देना चाहिए। मेरी एक दोस्त ने अपने 11 साल के बेटे को बिस्तर ठीक करना और किताबें सजाना सिखाया। अब वो खुद कहता है, "मम्मी, मुझे सब कुछ ढूंढने में आसानी होती है।" बच्चों को चीजें सही जगह रखने की आदत डालें, ये छोटी सी बात उनकी जिम्मेदारी बढ़ाती है और दूसरों पर निर्भरता घटाती है।
2. अपने काम खुद करना
"मम्मी, मेरा होमवर्क चेक कर दो!", ये आवाज हर घर में गूंजती है। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आत्मनिर्भर बने, तो उसे छोटे-छोटे काम खुद ही करने दें। होमवर्क हो या स्कूल बैग तैयार करना, उसे प्रोत्साहित करें। मेरे भतीजे को उसकी मम्मी ने 10 साल की उम्र में खुद फैसले लेना सिखाया। गलती हुई तो प्यार से समझाया। आज वो 15 का है और हर काम में कॉन्फिडेंट। बच्चों को गाइड करें, पर उनकी उड़ान को नहीं रोकें।
3. किचन का जादू
"लड़के किचन में क्या करेंगे?"—ये सोच अब पुरानी हो चुकी है। खाना बनाना हर बच्चे के लिए एक जरूरी स्किल है, चाहे वो बेटा हो या बेटी। मेरे पड़ोस की आंटी ने अपने बेटे को 12 साल की उम्र में मैगी बनाना सिखाया। आज वो कॉलेज में अपने दोस्तों के लिए चाय और पराठे बनाता है। बच्चों को बेसिक खाना पकाना सिखाएं, ये न सिर्फ उनकी मदद करेगा, बल्कि उन्हें जिंदगी में कभी भूखा भी नहीं सोना पड़ेगा।
4. कपड़ों की जिम्मेदारी
कपड़े धोना और सही जगह रखना, ये वो छोटी बातें हैं, जो बड़े बदलाव लाती हैं। 12 साल की उम्र तक बच्चों को ये सिखाएं। मेरी बहन ने अपनी बेटी को कपड़े मोड़ना और अलमारी सजाना सिखाया। पहले वो कहती थी, "मम्मी, आप कर दो," लेकिन अब वो खुद कहती है, "मुझे अपने कपड़े संभालना अच्छा लगता है।" ये आदत बच्चों में कॉन्फिडेंस जगाती है और उन्हें व्यवस्थित बनाती है।
क्यों जरूरी हैं ये हुनर?
ये चार स्किल्स बच्चों को जिंदगी की किताब का पहला पन्ना पढ़ना सिखाते हैं। जब वो अपने काम खुद करते हैं, तो उनमें हिम्मत आती है। एक मां ने मुझे बताया, "मेरा बेटा पहले सबके लिए मुझ पर निर्भर था। अब वो खुद कमरा साफ करता है और मुझे चाय बनाकर देता है।" ये छोटी जीतें बच्चों को बड़े सपनों के लिए तैयार करती हैं। तो आज से ही शुरू करें और अपने बच्चे को ये महत्वपूर्ण आदतें सिखाएं, फिर देखें कैसे वो जिंदगी में हर कदम पर चमकते हैं।