ब्रेकिंग न्यूज़

Anant Singh Arrest: कौन हैं बाहुबली अनंत सिंह को गिरफ्तार करने वाले पटना के डीएम और एसएसपी? जानिए दोनों अफसरों की पूरी कहानी Anant Singh Arresting: बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर आया तेज प्रताप यादव का रिएक्शन, क्या बोले JJD चीफ? Anant Singh Arresting: बाहुबली अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर आया तेज प्रताप यादव का रिएक्शन, क्या बोले JJD चीफ? Bihar Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या, संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी Shah Rukh Khan Birthday: शाहरुख खान ने 60वें जन्मदिन पर फैंस को दिया तोहफा, रिलीज किया फिल्म ‘किंग’ का धमाकेदार टीजर Bihar politics : JDU उम्मीदवार अनंत सिंह गिरफ्तार, दुलार चंद यादव हत्या मामले में आजीवन कारावास या इस तरह के दंड का खतरा; BNS की इन गंभीर धाराओं में हुए अरेस्ट एयर इंडिया की बड़ी लापरवाही: बिना लाइसेंस के दो पायलट ने उड़ाई फ्लाइट, DGCA ने मांगा जवाब एयर इंडिया की बड़ी लापरवाही: बिना लाइसेंस के दो पायलट ने उड़ाई फ्लाइट, DGCA ने मांगा जवाब Bihar Election : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोकामा में कितना बदल सकता है समीकरण, क्या इस बार खतरे में छोटे सरकार का किला ? Dularchand Yadav Murder Case: मोकामा विधानसभा सीट में अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद बढ़ी सुरक्षा, प्रशासन ने किया निष्पक्ष मतदान का वादा

Waqf Property : कुतुब मीनार से हुमायूं का मकबरा तक, अब वक्फ का दावा खत्म ?

Waqf Property : केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक स्मारकों पर वक्फ बोर्ड के दावों को खत्म करने का फैसला लिया है। नए संशोधन के तहत कुतुब मीनार, पुराना किला, हुमायूं का मकबरा जैसे सैकड़ों संरक्षित स्मारक अब पूरी तरह सरकार के अधीन होंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 03 Apr 2025 07:03:34 PM IST

वक्फ संपत्ति, Waqf Property, ऐतिहासिक स्मारक, Historical Monuments, सरकार का अधिग्रहण, Government Acquisition, कुतुब मीनार, Qutub Minar, हुमायूं का मकबरा, Humayun's Tomb, पुराना किला, Purana Qila, आदि

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Waqf Property: वक्फ संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण संशोधन बिल को लोकसभा में बहुमत से मंजूरी मिल गई है। इस बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। अब यह बिल राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया है |

इस संशोधन के तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं। पहला बड़ा बदलाव यह है कि अब ASI के अंतर्गत  ऐतिहासिक स्मारकों जैसे पुराना किला, कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा को पूरी तरह से सरकारी संपत्ति माना जाएगा और इन पर किसी अन्य संस्था का दावा नहीं होगा। दूसरा बड़ा संशोधन आदिवासी इलाकों की जमीन को लेकर किया गया है। अब इन क्षेत्रों की जमीन को वक्फ संपत्ति में तब्दील नहीं किया जा सकेगा, जिससे आदिवासी समुदाय के अधिकार और उनकी संस्कृति की रक्षा होगी। इसके अलावा, सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि सेक्शन 40 को हटा दिया गया है, जो पहले वक्फ बोर्ड को यह अधिकार देता था कि वह किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता था और उसका निर्णय अंतिम माना जाता था। सरकार का मानना है कि इस संशोधन से दुरुपयोग की संभावना कम होगी।


राज्यसभा में इस बिल के पास होने के लिए 118 वोटों की जरूरत होगी। फिलहाल, बीजेपी के पास 96 सीटें हैं और एनडीए के सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 113 तक पहुंचती है। छह मनोनीत सांसदों को जोड़ने पर यह आंकड़ा 119 हो सकता है, जो बहुमत से थोड़ा अधिक है। दूसरी ओर, विपक्ष के पास कांग्रेस के 27 और अन्य दलों के 58 सांसदों को मिलाकर कुल 85 वोट हैं। अगर कुछ सांसद अनुपस्थित रहते हैं या विरोध में वोट डालते हैं, तो समीकरण बदल सकता है। लोकसभा में यह बिल 12 घंटे की लंबी बहस के बाद पारित हुआ था। अब सभी की नजरें राज्यसभा पर टिकी हैं, जहां इसके पारित होने या रुकने का फैसला होगा।