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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 30 Jul 2025 07:30:10 PM IST
- फ़ोटो reporter
Bihar Politics: सीएजी की रिपोर्ट में करीब 71 हजार करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिलने पर बिहार की सियासत गरमाई हुई है। नेता प्रतिपक्ष सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं और उसे एनडीए सरकार का महाघोटाला करार दे रहे हैं हालांकि तेजस्वी के आरोपों का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उल्टे इसका ठीकरा तेजस्वी यादव के सिर फोड़ दिया है और कहा है कि जिस वक्त का यह मामला है, उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी।
दरअसल, सीएजी की रिपोर्ट में 70,877 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित पाए गए हैं। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह राशि वास्तव में आवंटित सरकारी योजनाओं पर खर्च हुई है या नहीं। यह रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2023-24 से संबंधित है, जिसे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सदन में प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल ने नीतीश सरकार पर 70 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले का आरोप लगाया है। तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने इस मुद्दे को चुनावी साल में बड़ा राजनीतिक हथियार बना लिया है हालांकि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस आरोप पर पलटवार किया है।
उन्होंने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह मामला उस समय का है जब तेजस्वी यादव खुद डिप्टी सीएम थे। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी को सही जानकारी नहीं है और वे अपनी ही सरकार की विफलताओं को उजागर कर रहे हैं। सम्राट ने यह भी दावा किया कि महालेखाकार के समक्ष हर खर्च का हिसाब दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने भी मंगलवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि उपयोगिता प्रमाण पत्रों का लंबित होना एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है और इसे घोटाले के रूप में पेश करना गलत है। सम्राट चौधरी ने कांग्रेस और राजद दोनों पर हमला बोलते हुए कहा कि ये पार्टियां नीतीश सरकार की उपलब्धियों से बौखलायी हुई हैं, इसलिए इस तरह की बात कर जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही हैं।