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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 01 Jul 2025 04:42:24 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Literacy Rate: पूर्वोत्तर भारत का छोटा-सा राज्य त्रिपुरा इन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि के कारण सुर्खियों में है। त्रिपुरा अब देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है, जिसे पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा मिला है। इससे पहले गोवा और मिजोरम को यह दर्जा प्राप्त हुआ था।
त्रिपुरा की कुल साक्षरता दर 95.6% तक पहुंच गई है, जो इस मानक को पूरा करती है कि किसी राज्य को पूर्ण साक्षर तभी माना जाता है जब वहां 95% या उससे अधिक नागरिक पढ़ना, लिखना और सामान्य गणना करने में सक्षम हों, और यह योग्यता 18 वर्ष से ऊपर की आयु के सभी लोगों में हो।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिक्षा ही इंसान को काबिल बनाती है और हमारी सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। हम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सीएम ने बताया कि अब त्रिपुरा में न केवल गांवों में स्कूल बेहतर हो गए हैं, बल्कि उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी खोले गए हैं।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने पूर्ण साक्षरता के लिए मानकों को यूनेस्को की सहमति के साथ थोड़ा लचीला बनाया है। पहले जहां 100% साक्षरता को लक्ष्य माना जाता था, अब 95% या उससे अधिक साक्षरता दर और व्यावहारिक ज्ञान (पढ़ना-लिखना, गिनती करना) को पर्याप्त माना गया है।
2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल साक्षरता दर 67.68% थी। जिसमें पुरुष साक्षरता दर 77.28% और महिला साक्षरता दर 57.18% थी जो हाल के आंकड़ों में यह बढ़कर 72.6% बताई गई है। वहीं 2011 के अनुसार बिहार में कुल साक्षरता दर 61.8% थी, जो अभी भी लगभग उतनी ही बनी हुई है जबकि मध्य प्रदेश की कुल साक्षरता दर 69.3% थी, जो ताज़ा आंकड़ों में यह 69.32% है।