बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Thu, 10 Apr 2025 08:50:18 AM IST
अंग्रेजी में MA है कॉपी जांचने वाला चपरासी - फ़ोटो google
MP News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के एक सरकारी कॉलेज में एक चपरासी छात्रों की आन्सर शीट चेक कर रहा था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। जिसके बाद एक घोटाला सामने आया और तीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया साथ ही प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर को भी निलंबित कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने इस मुद्दे को उठाया। उच्च शिक्षा विभाग ने एक जांच समिति गठित की, जिसने 3 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की। अगले ही दिन प्रिंसिपल राकेश कुमार वर्मा और मूल्यांकन के नोडल अधिकारी प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया। वर्मा का आरोप है कि स्थानीय राजनेता उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्हें 3 महीने में तीन बार हटाया जा चुका है।
अब इस बात का पता चला है कि हिंदी की कॉपी जांचने वाले चपरासी ने अंग्रेजी में मास्टर डिग्री की है। वायरल हुए क्लिप में चपरासी को पूरी गंभीरता से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते, टिक मार्क लगाते और अंक लिखते हुए दिखाया गया। जिसके बाद जांच हुई। समिति ने परीक्षा मूल्यांकन के दृष्टिकोण में चौंकाने वाली लापरवाही पाई। अपनी रिपोर्ट में, पैनल ने कहा कि अतिथि व्याख्याता खुशबू पगारे, जो हिंदी पढ़ाती हैं, ने लिखित बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किसी और से करवाया था क्योंकि वह बीमार थीं।
समिति के अनुसार, उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए कॉलेज के ही राकेश कुमार मेहर को 7,000 रुपये दिए। मेहर ने बदले में उत्तर पुस्तिकाओं को चपरासी पन्नालाल पठारिया को सौंप दिया और उसे 5,000 रुपये दिए, जिसमें से 2,000 रुपये उसने अपने पास रख लिए, ऐसा प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी के निलंबन आदेश में कहा गया है। पगारे, मेहर और पठारिया को बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया।