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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 08 Jun 2025 12:23:54 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Meta
India Mango Exports: भारत एक ऐसा देश है जो वैश्विक आम उत्पादन का 40% हिस्सा पैदा करता है। जो कि लगभग 25 मिलियन टन है। भारतीय आमों की मिठास, खुशबू और विविधताओं ने इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद लोकप्रिय बनाया है। इनमें शामिल हैं दशहरी, अल्फांसो, केसर इत्यादि आमों की किस्में।
2023-24 में भारत ने 32,104.09 मीट्रिक टन आम निर्यात किए थे। जिनका मूल्य 60.14 मिलियन डॉलर था। अब जानने योग्य बात यह है कि भारत अपने आम किन-किन देशों को भेजता है और इस लिस्ट में शीर्ष पर कौन सा देश है।
संयुक्त अरब अमीरात
2023-24 में UAE ने भारत से सबसे ज्यादा आम खरीदे। करीब 15,336 मीट्रिक टन। मजबूत व्यापारिक रिश्ते, बड़ी दक्षिण एशियाई आबादी, और रमजान व ईद के दौरान बढ़ी मांग ने UAE को भारत का सबसे बड़ा आम निर्यात बाजार बनाया। अल्फांसो और केसर जैसे प्रीमियम आम यहां खासतौर पर पसंद किए जाते हैं।
अन्य प्रमुख आयातक देश (2023-24)
ब्रिटेन : 4,706.2 मीट्रिक टन। भारतीय मूल की आबादी और सांस्कृतिक उत्सवों के कारण अल्फांसो और केसर आमों की मांग यहां अधिक है।
नेपाल: 3,106.5 मीट्रिक टन। भारत के साथ खुली सीमा और किफायती कीमतों के कारण नेपाल में दशहरी और अन्य आम बेहद लोकप्रिय हैं।
अमेरिका: 2,113.4 मीट्रिक टन। सख्त फाइटोसैनिटरी नियमों के तहत इस देश में इर्रेडिएशन-प्रमाणित आमों की मांग काफी ज्यादा है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय की बहुत बड़ी जनसँख्या भी इन आमों के USA में बढ़ती लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है।
कतर: 1,304.2 मीट्रिक टन। बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी और वहां के सांस्कृतिक उत्सव इस देश में भारतीय आम की मांग को काफी बढ़ा देते हैं।
कुवैत: 964 मीट्रिक टन। भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्तों के कारण यहां के स्थानीय बाजारों में भारतीय आमों की अच्छी-खासी मांग है।
ओमान: भारतीय आमों का एक महत्वपूर्ण आयातक देश, खासकर दशहरी और केसर आमों की यहां के लोगों में अलग ही दीवानगी है।
कनाडा: भारतीय समुदाय की बड़ी संख्या और प्रीमियम आमों की मांग के कारण आयात बढ़ रहा है। भारत इन पर पूरी तरह खड़ा भी उतर रहा और इस देश को शिकायत का मौका नहीं देता। खासकर आमों के मामले में।
भूटान: भारत से निकटता और व्यापारिक सुगमता के कारण आमों का आयात इस देश में भी खूब होता है।
बहरीन: 473.6 मीट्रिक टन। भारतीय समुदाय की अच्छी-खासी मौजूदगी और मांग इस देश को भी भारतीय आमों का एक स्थिर आयातक बनाती है।