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Analemma flying Tower: अब जमीन नहीं, आसमान से लटकेगी इमारत! जानिए कहा बन रही है दुनिया की पहली फ्लाइंग बिल्डिंग!

Analemma flying Tower: अब वक्त आ गया है जब इमारतें जमीन पर नहीं, बल्कि आसमान से लटकती नजर आएंगी। न्यूयॉर्क की मशहूर आर्किटेक्चर फर्म Clouds Architecture Office ने Analemma Tower नाम की ऐसी स्काईस्क्रैपर डिजाइन की है, जो धरती पर खड़ा नहीं होगा|

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 May 2025 01:35:07 PM IST

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flying skyscraper Tower - फ़ोटो cloudsao.com

Analemma flying Tower: इमारतें अब सिर्फ ज़मीन पर नहीं रहेंगी, बल्कि आसमान से लटकी नज़र आएंगी। अमेरिका की आर्किटेक्चर फर्म Clouds Architecture Office ने एक ऐसा अद्भुत प्रोजेक्ट पेश किया है जो विज्ञान और कल्पना की सीमाओं को मिटा देता है। इस अनोखे प्रोजेक्ट का नाम है – Analemma Tower। यह दुनिया की पहली ऐसी बिल्डिंग होगी जो पृथ्वी पर खड़ी नहीं होगी, बल्कि एक एस्टेरॉइड से जुड़कर धरती के चारों ओर हवा में झूलती रहेगी।


क्या है अनालेमा टावर की खासियत?

यह टावर किसी परंपरागत नींव पर आधारित नहीं होगा। इसे धरती की जियोसिंक्रोनस कक्षा (geosynchronous orbit) में घूमते हुए एक विशाल एस्टेरॉइड से हाई-स्ट्रेंथ केबल्स के माध्यम से लटकाया जाएगा। यह पूरा ढांचा एक ‘फिगर 8’ पैटर्न में घूमेगा, जिससे यह अलग-अलग शहरों के ऊपर से होकर गुजरेगा।


ऊपर से नीचे आएंगे लोग – ज़मीन से उलटा होगा टावर

इस गगनचुंबी टावर की दिशा आम इमारतों से उलट होगी। इसका ऊपरी भाग अंतरिक्ष की ओर होगा और निचला हिस्सा धरती की ओर लटकता रहेगा। टावर की गति जब न्यूनतम होगी, तब लोग धरती से इसमें प्रवेश कर पाएंगे।


टेक्नोलॉजी जो भविष्य को छूती है

इस फ्लाइंग बिल्डिंग में परंपरागत एलिवेटर नहीं होंगे। इसमें बिना केबल वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लिफ्ट्स लगेंगी, जो ऊंचाई की किसी सीमा को नहीं मानेंगी। इसके अलावा, ऊर्जा के लिए टावर को सौर पैनलों से पॉवर मिलेगा, जो धरती के वातावरण से ऊपर लगातार सूर्य की रोशनी में रहेंगे।


पानी और जीवन कैसे संभव होगा?

टावर में एक इनबिल्ट वाटर रीसाइक्लिंग सिस्टम होगा, जो वर्षा और वातावरण से नमी एकत्र कर पानी में बदलेगा। इस प्रकार, पृथ्वी से सीमित संसाधनों की आवश्यकता नहीं होगी।


कहां बनेगा और किसके लिए?

अनालेमा टावर का निर्माण धरती पर कहीं भी किया जा सकता है, लेकिन इसे स्थायी रूप से दुबई के ऊपर स्थापित करने का प्रस्ताव है। दुबई पहले से ही बुर्ज खलीफा जैसी ऊंची इमारतों के लिए जाना जाता है और अब यह भविष्य की फ्लाइंग बिल्डिंग का घर बनने जा रहा है।


क्या यह सपना हकीकत बन पाएगा?

हालांकि यह परियोजना अभी एक कॉन्सेप्ट है, लेकिन तकनीकी दृष्टि से यह पूरी तरह संभव है। वैज्ञानिकों और आर्किटेक्ट्स का मानना है कि अगर स्पेस तकनीक और सामग्री विज्ञान में अपेक्षित प्रगति होती है, तो Analemma Tower आने वाले दशकों में साकार रूप ले सकता है। जैसे-जैसे इंसान अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ा रहा है, रहने की परिभाषाएं भी बदल रही हैं। अनालेमा टावर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि मानव कल्पना की नई ऊंचाई है – एक ऐसा घर जो जमीन पर नहीं, आसमान में होगा।