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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Nov 2025 01:16:31 PM IST
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Tej Pratap on Rohini insult : बिहार की राजनीति इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजद (RJD) पहले ही भारी दबाव में थी, लेकिन अब परिवार के भीतर उठे बवंडर ने पार्टी नेतृत्व के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। शनिवार को घटी वह घटना, जिसके बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने पार्टी से दूरी और राजनीति छोड़ने की सार्वजनिक घोषणा की, ने लालू परिवार को भीतर तक झकझोर दिया है। इस पूरे विवाद ने अचानक गंभीर मोड़ तब ले लिया जब रविवार को तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक तीखा और भावनात्मक पोस्ट करते हुए बहन रोहिणी के अपमान पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।
तेजप्रताप यादव ने लिखा कि “कल की घटना ने दिल को भीतर तक झकझोर दिया है। मेरे साथ जो हुआ वह मैं सह गया, लेकिन मेरी बहन के साथ हुआ अपमान किसी भी हाल में असहनीय है।” तेजप्रताप ने अपने संदेश में बिना नाम लिए उन नेताओं पर तीखा हमला बोला है जिन्हें वे परिवार में दरार डालने का जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने लिखा कि जिन लोगों ने रोहिणी आचार्य के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, चप्पल उठाने की धमकी दी या जिस तरह का व्यवहार किया—उससे न सिर्फ वह, बल्कि पूरा बिहार आहत है।
तेजप्रताप यादव ने आगे कहा, “सुन लो जयचंदो! परिवार पर वार करोगे तो बिहार की जनता तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेगी।” तेजप्रताप का यह बयान साफ संकेत देता है कि उनके निशाने पर पार्टी का वह गुट है जिस पर रोहिणी ने भी गंभीर आरोप लगाए थे। यह पहली बार नहीं है जब लालू परिवार के भीतर इस तरह के अंतर्विरोध खुले तौर पर सामने आए हों, लेकिन इस बार मामला बेहद संवेदनशील है क्योंकि इसमें ‘बेटी और परिवार के सम्मान’ की बात सीधे जुड़ी हुई है।
पोस्ट में तेजप्रताप ने लिखा कि जबसे उन्हें रोहिणी आचार्य के साथ हुई घटना की जानकारी मिली, उनका दिल आहत होकर अग्नि बन चुका है। उन्होंने कहा कि “जब जनमानस की भावनाएँ आहत होती हैं तो बुद्धि पर पड़ी धूल उड़ जाती है। इन चंद चेहरों ने तेजस्वी की भी बुद्धि पर परदा डाल दिया है।” तेजप्रताप का यह संकेत बेहद गंभीर राजनीतिक टिप्पणी मानी जा रही है क्योंकि पहली बार उन्होंने सार्वजनिक मंच पर यह दावा किया है कि तेजस्वी यादव भी ऐसे लोगों के प्रभाव में आ गए हैं जो परिवार के भीतर दूरियाँ पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा कि इस अन्याय का परिणाम बेहद भयावह होगा और समय का लेखा-जोखा बेहद कठोर होता है। तेजप्रताप ने अपने पिता और RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से अपील करते हुए कहा, “पिता जी, एक संकेत दीजिए… आपका केवल एक इशारा और बिहार की जनता इन जयचंदों को जमीन में गाड़ देने का काम खुद कर देगी।” यह बयान भीतरघात करने वालों के प्रति स्पष्ट संदेश माना जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि तेजप्रताप अब सार्वजनिक रूप से नेतृत्व से कड़े कदम की मांग कर रहे हैं।
तेजप्रताप ने कहा कि यह लड़ाई किसी दल की नहीं है बल्कि परिवार के सम्मान, बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान की लड़ाई है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और RJD समर्थकों में गहमागहमी तेज हो गई है। सोमवार को होने वाली समीक्षा बैठक पहले से ही महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन अब तेजप्रताप के इस पोस्ट के बाद इसमें हलचल और बढ़ जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी हार के बाद RJD पहले से ही मनोबल के संकट से गुजर रही है। पार्टी की सीटें 25 पर सिमटने के बाद आत्ममंथन आवश्यक हो गया था, लेकिन परिवार के भीतर यह टकराव स्थिति को और पेचीदा बना रहा है। तेजप्रताप यादव के इस तीखे बयान ने न सिर्फ RJD के भीतर तनाव को खुलकर उजागर कर दिया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में पार्टी के अंदर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
अब सबकी निगाहें लालू प्रसाद यादव पर हैं—क्या वे इस विवाद पर कोई संकेत देते हैं, क्या वे परिवार को एकजुट कर पाते हैं, और क्या RJD इस आंतरिक तूफान से निकलकर अपनी राजनीतिक दिशा तय कर पाती है। फिलहाल इतना तय है कि रोहिणी आचार्य प्रकरण ने लालू परिवार और RJD दोनों के लिए एक गहरी चुनौती खड़ी कर दी है, जिसके असर आने वाले महीनों में बिहार की राजनीति पर साफ दिखाई देंगे।