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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 01:08:53 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: जब कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और लगन से किसी लक्ष्य को पाने की ठान ली जाए, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। यह साबित कर दिखाया है राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की वंदना मीणा ने, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के, सिर्फ सेल्फ स्टडी के दम पर UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) जैसी देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा पास की, और IAS अधिकारी बनकर देश की सेवा का सपना साकार किया।
वंदना मीणा मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के छोटे से गांव टोकसी की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता दिल्ली पुलिस में अधिकारी हैं, जबकि मां संपत्ति देवी एक गृहिणी हैं। वंदना बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थीं और शुरुआत से उनका सपना था कि वे एक दिन सरकारी अधिकारी बनकर देश की सेवा करें। वंदना की लगन और पढ़ाई के प्रति गंभीरता को देखते हुए उनका परिवार बेहतर शैक्षणिक माहौल के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गया। वंदना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से गणित (Mathematics) में ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
अपनी ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद वंदना ने UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन उन्होंने कोचिंग संस्थानों पर निर्भर न रहकर पूरी तरह सेल्फ स्टडी पर भरोसा किया। उनका मानना था कि अगर रणनीति सही हो और आत्मविश्वास मजबूत हो, तो संसाधनों की कमी कभी भी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती।
वंदना हर दिन 10 से 15 घंटे तक की पढ़ाई करती थीं। उन्होंने अपनी तैयारी की शुरुआत NCERT की किताबों से की और इसके बाद अन्य रेफरेंस बुक्स और ऑनलाइन संसाधनों का सहारा लिया। वंदना ने यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी भरपूर उपयोग किया, जहां से उन्हें विषय-वस्तु को समझने में काफी मदद मिली। साथ ही, उन्होंने नियमित तौर पर न्यूजपेपर पढ़ना, करंट अफेयर्स पर नोट्स बनाना और मॉक टेस्ट देना अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। यही अनुशासन और निरंतर अभ्यास उनकी सफलता की कुंजी बने।
वंदना मीणा की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC CSE 2021 में ऑल इंडिया रैंक 331 हासिल की। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में हुआ। वर्तमान में वे देश की प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रही हैं।
वंदना मीणा की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने बड़े सपनों को साकार करने की हिम्मत रखते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, लेकिन सही दिशा में ईमानदारी से की गई मेहनत ज़रूर रंग लाती है। उनका कहना है "अगर आप पूरे मन से किसी लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करते हैं, तो परिस्थितियाँ कभी आड़े नहीं आतीं। आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर प्रयास ही सफलता की असली कुंजी हैं।"
वंदना मीणा की प्रेरणादायक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। उनकी कहानी देशभर के UPSC अभ्यर्थियों को न केवल आत्मविश्वास देती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए संसाधनों से ज्यादा ज़रूरत होती है जज़्बे और मेहनत की।