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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 21 May 2025 04:00:13 PM IST
सुधा दुध हुआ और महंगा - फ़ोटो Google
Sudha milk price hike : बिहार में अब सुधा दूध के दामों में बढ़ोतरी की गई है। बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) ने दूध की नई दरों का आदेश जारी कर दिया है, जो 22 मई से लागू होगा।
अब सुधा फुल क्रीम दूध (गोल्ड) की कीमत 62 रुपये से बढ़कर 65 रुपये प्रति लीटर हो गई है। सुधा शक्ति की दर 55 रुपये से बढ़ाकर 57 रुपये प्रति लीटर और गाय के दूध की कीमत 52 रुपये से बढ़ाकर 54 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। यह बढ़ोतरी बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में लागू होगी, जिसके लिए दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। फिलहाल सुधा के अन्य उत्पाद जैसे घी, दही, लस्सी और पेड़ा की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि इसी साल अमूल ने भी अपने दूध के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।
यह निर्णय बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) द्वारा लिया गया है, जिसके पीछे कई आर्थिक और व्यावहारिक कारण हैं। सबसे पहले, पशुपालकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले चारे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। मक्का, भूसी और अन्य पशु आहार के दाम पिछले कुछ महीनों में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़े हैं, जिससे दूध उत्पादन की लागत में इजाफा हुआ है। साथ ही, पशु चिकित्सा, दवाइयों और टीकाकरण में भी खर्च बढ़ने से किसानों पर दबाव बढ़ा है।
दूसरी ओर, सुधा द्वारा किसानों से दूध खरीदने की दर में भी वृद्धि की गई है ताकि उन्हें बेहतर भुगतान दिया जा सके। यह कदम किसानों की आय को सुनिश्चित करने के साथ-साथ अन्य बड़ी कंपनियों जैसे अमूल और मदर डेयरी से मुकाबले की रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन खर्च भी काफी बढ़ चुके हैं। डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और बिजली की महंगाई ने दूध की ढुलाई और कोल्ड स्टोरेज को अधिक खर्चीला बना दिया है।
दूध को सुरक्षित रखने और बाजार तक पहुंचाने में प्रयोग होने वाली पैकेजिंग सामग्री जैसे प्लास्टिक की लागत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है, जिससे प्रोसेसिंग की लागत पर भी असर पड़ा है। इस बीच, देश में डेयरी उत्पादों पर महंगाई दर भी 6 से 8 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को प्रभावित कर रही है। इन सभी कारणों को मिलाकर सुधा को दूध की कीमतें बढ़ानी पड़ीं ताकि कंपनी आर्थिक रूप से बैलेंस बनाया जा सके और किसानों को समय पर उचित भुगतान दिया जा सके। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में घी, दही, लस्सी और पेड़ा जैसे अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतों में कोई बदलाव किया गया है।हालाँकि ये घोषणा अभी तक अधिकारिक रूप से नही हुई है |