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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 10 Sep 2025 11:32:21 AM IST
भारत नेपाल व्यापार संबंध - फ़ोटो GOOGLE
India Nepal Trade Relations: भारत के पड़ोस में जब भी किसी तरह का टेंशन होता है, तो उसकी आंच अप्रत्यक्ष रूप से भारत तक महसूस की जाती है। पहले श्रीलंका, फिर बांग्लादेश, और अब नेपाल एक-एक कर भारत के पड़ोसी देशों में जिस तरह विरोध की चिंगारी सुलग रही है, उसने भारत सरकार को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है।
नेपाल का महत्व भारत के लिए हमेशा अलग रहा है। यह छोटा सा हिन्दू मुल्क, जो राजनीतिक रूप से लंबे समय से स्थिर माना जाता था, अब काफी अस्थिर हो चुका है। हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस्तीफा दे दिया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट को भी आग के हवाले कर दिया। यह राजनीतिक संकट नेपाल में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ गुस्से का नतीजा है, जो देश की जनता में व्यापक असंतोष का कारण बना है।
ट्रेड के लिहाज़ से नेपाल भारत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण साझेदार है। भारत के उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिले नेपाल की सीमा से जुड़े हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच पारंपरिक सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मजबूती से जुड़े हुए हैं। नेपाल भारत का चौदहवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 8.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारत का नेपाल को 7.33 बिलियन डॉलर का निर्यात और नेपाल का भारत को 1.20 बिलियन डॉलर का निर्यात शामिल है। यह निर्यात नेपाल की कुल जीडीपी का लगभग 16 प्रतिशत है, जो इस छोटे से देश की अर्थव्यवस्था में भारत के महत्व को दर्शाता है।
नेपाल में भारत से आने वाले मुख्य उत्पादों में पेट्रोलियम, वाहन, मशीनरी, औषधियाँ, खाद्य सामग्री, और कपड़ा शामिल हैं। वहीं, नेपाल से भारत को कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प, चमड़ा, और कुछ औद्योगिक सामान निर्यात होते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कई नए समझौते और सीमा पार अवसंरचना परियोजनाएं चल रही हैं, जैसे कि सड़कों, रेलवे लिंक और हवाई कनेक्टिविटी में सुधार।
नेपाल के राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद, भारत ने इस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाए रखने की दिशा में कदम उठाए हैं। दोनों देशों की सरकारें व्यापार बाधाओं को कम करने, सीमा पार ट्रेड सुविधाओं को सरल बनाने और निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इससे न केवल दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान मिलेगा।
हालांकि नेपाल में वर्तमान राजनीतिक संकट चिंताजनक है, भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह नेपाल के साथ अपने गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बनाए रखे। भारत सरकार ने नेपाल के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार और विकास का सिलसिला निरंतर बना रहे। नेपाल के स्थिर होते ही, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसर और भी बढ़ेंगे, जो दक्षिण एशिया में आर्थिक समृद्धि और सहयोग को नई दिशा देंगे।