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Bihar News : बिहार में यह चुनावी साल है। ऐसे में सरकार अपने तरफ से किसी भी काम को लेकर विपक्ष को उंगली दिखाने का मौका नहीं देना चाहती है। ऐसे में अब सरकार ने राजधानी के मकान मालिकों की टेंशन बढ़ा दी है। तो आइए जानते हैं कि आखिर सरकार का यह नया प्लान क्या है जिसकी वजह से हर कोई टेंशन में है।
दरअसल, शहर में नक्शे और नियमों के अनुरूप इमारतों का निर्माण हुआ है या नहीं, सरकार इसकी जांच कराएगी। इसमें देखा जाएगा कि फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) का उल्लंघन तो नहीं हुआ।विधान परिषद में तारांकित प्रश्न के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने यह जानकारी दी। सदस्य सौरभ कुमार ने पूरक प्रश्न के जरिए राजधानी में बने भवनों में एफएआर के उल्लंघन का मामला उठाया था।
नीतीश सरकार ने आदेश दिया है कि सरकार जांच से सुनिश्चित करेगी कि सभी इमारतें मानकों और नक्शे के अनुसार निर्मित हुई हैं या नहीं। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह है कि फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) का उल्लंघन न हो। यदि किसी भी इमारत में नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। जांच अभियान सबसे पहले पटना के सगुना मोड़ से शुरू होगा और दानापुर स्टेशन तक फैले भवनों पर केंद्रित होगा।
नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई जाएगी, जो एफएआर के स्तर पर इमारतों की जांच करेगी। यदि किसी भवन में एफएआर का उल्लंघन पाया गया, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है कि भविष्य में भी इस तरह के उल्लंघनों को रोका जा सके।
इधर, मंत्री ने अतिक्रमण की समस्या पर भी चर्चा की और कहा कि राज्य के सभी शहरों में वेंडिंग जोन बनाए जाएंगे ताकि फुटपाथी दुकानदारों को व्यवस्थित किया जा सके। पटना में पहले से ही 14 यूनिट वेंडिंग जोन स्थापित किए गए हैं।