BJP में खलबली के बाद सम्राट चौधरी का यू-टर्न: अपनी मां की जयंती पर राजकीय समारोह के फैसले को वापस लेने की मांग की, सीएम को लिखा पत्र Bihar Police News: बिहार के DGP विनय कुमार ने अश्लीलता फैलाने वालों को दी सख्त चेतावनी Life Style: 25 साल की उम्र के बाद महिलाएं जरूर खाएं ये पांच फल, मिलेंगे जबरदस्त हेल्थ बेनिफिट्स Bollywood News: एक्टर पंकज त्रिपाठी की बेटी आशी का पहला गाना रिलीज, म्यूजिक वीडियो के जरिए एक्टिंग में किया डेब्यू Success Story: बस ड्राइवर की बेटी बनी IAS अधिकारी, दूसरी कोशिश में मिली बड़ी सफलता किशनगंज में आधा दर्जन घर जलकर राख, आग बुझाने नहीं पहुंची फायर बिग्रेड की टीम, लोगों में आक्रोश बीड़ी पीकर फेंकने से मुजफ्फरपुर के स्लम बस्ती में लगी भीषण आग, दो सिलेंडर ब्लास्ट Bihar Crime News: इनामी बदमाश समेत BSC के दो स्टूडेंट अरेस्ट, हथियार और भारी मात्रा में गोलियां बरामद Bollywood News: सिकंदर का गाना हुआ रिलीज, सलमान खान का बवाल 'डबके’ डांस, रश्मिका ने लगा दिए चार चांद Bihar Teacher Salary : बिहार के इन शिक्षकों को आठवें वेतनमान में कितनी सैलरी बढ़ेगी ? नीतीश सरकार का क्या है प्लान..टीचर्स को जानना है जरूरी..
18-Mar-2025 09:35 AM
CM Nitish Gift: बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और नर्सिंग सेवाओं में काम कर रहे कर्मियों के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिया है। अब पंचायत के मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों को मासिक भत्ते का भुगतान हर महीने किया जाएगा।
वहीं, राज्य के नर्सिंग स्टाफ को सेवांत लाभ और छुट्टी स्वीकृति की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है।
जबकि अब तक त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भत्ता हर चौथे महीने (अप्रैल, जुलाई और नवंबर) में दिया जाता था। लेकिन पंचायती राज विभाग ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए भत्ते का भुगतान हर महीने करने का फैसला किया है।
मालूम हो कि, भत्ते का भुगतान पीएफएमएस प्रणाली के जरिए सीधे बैंक खाते में किया जाएगा।
जिला स्तर पर भुगतान प्रणाली लागू होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी। जिला पंचायत कार्यालय में मेकर, चेकर और एप्रूवर की आईडी बनाई जाएगी ताकि भुगतान सुचारू रूप से हो सके।
बता दें कि, पहले ये स्वीकृतियां मुख्यालय स्तर पर दी जाती थीं, जिससे देरी और तकनीकी दिक्कतें आती थीं। अब सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक और अति विशिष्ट अस्पतालों के निदेशक को यह शक्तियां दी गई हैं। सेवा लाभ का भुगतान स्वच्छता प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही किया जाएगा।