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Cyber Fraud: बिहार में सिम बॉक्स से साइबर ठगी, अब CBI ऐसे करेगी जांच

Cyber Fraud: बिहार के ग्रामीण इलाकों में सिम बॉक्स के जरिए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर साइबर ठगी के मामलों में नई एफआईआर दर्ज की जाएगी और सीबीआई जल्द अपनी जांच शुरू करेगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Nov 2025 11:01:25 AM IST

Cyber Fraud

साइबर ठगी की जांच - फ़ोटो GOOGLE

Cyber Fraud: बिहार के ग्रामीण इलाकों में सिम बॉक्स के जरिए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर साइबर ठगी के मामलों में नई एफआईआर दर्ज की जाएगी और सीबीआई जल्द अपनी जांच शुरू करेगी। इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Unit) की टीम अगले हफ्ते पटना आएगी। टीम सभी सिम बॉक्स से जुड़े मामलों को अपने हाथ में लेने के बाद एफआईआर दर्ज करेगी और विस्तृत जांच करेगी।


बिहार सरकार ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन वाले इस मामले की सीबीआई जांच कराने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद बिहार ईओयू ने भी सिम बॉक्स से जुड़े तमाम केस सीबीआई को सौंप दिए हैं। राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद अब सीबीआई मामले की पूर्ण जांच करेगी। इस दौरान ईओयू के पास मौजूद सभी दस्तावेज और सबूत सीबीआई को सौंपे जाएंगे।


इस साल जुलाई और अगस्त माह में सिम बॉक्स से जुड़े कई साइबर ठगी मामले सामने आए। जुलाई में सुपौल के 21 वर्षीय हर्षित कुमार को चार सिम बॉक्स के साथ गिरफ्तार किया गया। उसी माह के अंतिम सप्ताह में भोजपुर जिले के नारायणपुर से मुकेश कुमार को चार सिम बॉक्स के साथ पकड़ा गया। झारखंड के देवघर से मुकेश महतो को भी गिरफ्तार किया गया। इसके बाद सितंबर में मोतिहारी, समस्तीपुर, पूर्णिया और यूपी के वाराणसी में भी सिम बॉक्स की बरामदगी हुई। हालांकि, छापेमारी के दौरान गिरोह का सरगना अंजनी उर्फ नेताजी फरार हो गया। मार्च 2024 में गोपालगंज से भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था।


ईओयू की जांच में पता चला कि इस गिरोह ने कई राज्यों में साइबर ठगी की, जिसमें बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल मुख्य थे। विभिन्न राज्यों की साइबर हेल्पलाइन और वेबसाइटों पर शिकायतें दर्ज होने के बाद ईओयू ने दूरसंचार विभाग के सहयोग से छापेमारी कर साइबर ठगों को अवैध उपकरणों के साथ गिरफ्तार किया।


जांच में यह भी सामने आया कि साइबर ठगों ने सिम बॉक्स चलाने के लिए बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से हजारों सिम थोक में खरीदे। इन सिम कार्डों की खरीद फर्जी बायोमेट्रिक पहचान के आधार पर हुई। इसके अलावा, दूरसंचार कंपनियों के माध्यम से संबंधित प्वाइंट ऑफ सेल (POS) पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।


गृह विभाग और बिहार पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी सीबीआई को विधिवत दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सीबीआई इस मामले से जुड़ी सारी एफआईआर अपने हाथ में लेकर जांच करेगी। इसके तहत आरोपी के खिलाफ साइबर ठगी, अवैध उपकरण संचालन और आपराधिक साजिश जैसे प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।


विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में सिम बॉक्स के जरिए ठगी का खतरा बढ़ गया है। ऐसे मामलों से न केवल आम जनता की आर्थिक हानि होती है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में साइबर सुरक्षा की जरूरत और बढ़ जाती है। सीबीआई की कार्रवाई से उम्मीद है कि अवैध सिम बॉक्स नेटवर्क को नष्ट किया जाएगा और भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।