Bihar Land Survey : जमीन सर्वे की रफ्तार सुस्त, रेवेन्यू विलेज में सिर्फ 25% ही काम हुआ पूरा; सरकार ने बढ़ाई अवधि Bihar News: मनरेगा मजदूरों पर सरकार की नजर, फर्जी हाजिरी रोकने के लिए नई योजना लागू Bihar Crime News: बिहार में अब यहाँ बदमाशों ने 40 वर्षीय को बनाया अपना शिकार, मौत के बाद पुलिस जांच में जुटी Patna News: गांधी मैदान के पास शिफ्ट होगा पटना सदर अंचल कार्यालय, जानें अब कहां होगा संचालित Bihar teachers news : बिहार में शिक्षकों की सीनियरिटी के नए नियम लागू, प्रमोशन में जोड़ा जाएगा अनुभव; प्रमंडल स्तर के शिक्षक होंगे सबसे सीनियर BSSC Inter Level 2025 : 23,175 पदों पर बंपर बहाली, आवेदन की अंतिम तारीख बढ़कर हुई 15 दिसंबर; अभी भरें फ्रॉम Four-Lane Highway: पटना-सासाराम फोरलेन निर्माण रुका, ओमान कंपनी का टेंडर क्यों रद्द? Constitution Day India: 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस, 26 जनवरी को क्यों नहीं? जानिए इसके पीछे का कारण Bihar Politics: RJD से छिना राबड़ी आवास, अब कहां शिफ्ट होगा लालू यादव का परिवार? जानिए पूरी डिटेल Bihar Weather: बिहार में कोल्ड अटैक! अगले चार दिनों तक पारा गिरेगा, कोहरा बढ़ाएगा सर्दी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Nov 2025 09:57:24 AM IST
- फ़ोटो
Bihar Land Survey : बिहार सरकार ने राज्य में चल रहे महत्वाकांक्षी भूमि सर्वे (Land Survey) अभियान की अवधि डेढ़ साल और बढ़ा दी है। अब यह सर्वे जुलाई 2026 की बजाय वर्ष 2027 तक पूरा किया जाएगा। सोमवार को कार्यभार संभालने के तुरंत बाद उप मुख्यमंत्री एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा को विभागीय अधिकारियों ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट सौंपते हुए परियोजना की मौजूदा स्थिति, चुनौतियों और समाधान की रूपरेखा पर विस्तृत जानकारी दी।
45 हजार गांवों का लक्ष्य, अब तक सिर्फ 25% काम पूरा
राज्य के 38 जिलों और 534 अंचलों में यह सर्वे कार्य लंबे समय से जारी है। वर्ष 2012 में शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक 5657 राजस्व गांवों को चिन्हित किया गया, लेकिन इनमें से केवल 25% गांवों में ही पूरी सर्वे प्रक्रिया पूरी हो सकी है। अगस्त 2024 में सरकार ने 37,384 नए गांवों में सर्वे के नए चरण की शुरुआत की थी। इतने बड़े अभियान के संचालन के लिए करीब 14 हजार सर्वे कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, जिनमें 8035 अमीन शामिल हैं। प्रत्येक अमीन को चार गांवों की जिम्मेदारी दी गई है।
सर्वे की गति को तेज करने के लिए विभाग ने 27 करोड़ पन्नों के पुराने राजस्व अभिलेखों को स्कैन कर डिजिटाइज करने का अभियान शुरू किया है। रैयतों को डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेज 48 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़े और फाइलों के लंबित रहने की समस्या खत्म हो।
स्वघोषणा के आधार पर जुटाए जा रहे जमीन के रिकॉर्ड
सर्वे के दौरान विभाग को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है—जैसे 100 साल पुराने खतियान, अधूरे कागजात, अस्पष्ट बंटवारे और कई मामलों में जमीन की अद्यतन जानकारी का अभाव। ऐसे मामलों में अब जमीन मालिकों से स्वघोषणा (Self-Declaration) के आधार पर आवश्यक विवरण लिया जा रहा है।
16 अगस्त से 20 सितंबर तक चले राजस्व महाअभियान में मिले 45 लाख आवेदनों की स्कैनिंग पूरी कर ली गई है। विभाग ने दिसंबर के दूसरे सप्ताह में विशेष शिविर लगाकर इन आवेदनों का निपटारा करने की योजना बनाई है, ताकि लंबित मामलों को तेजी से सुलझाया जा सके।
भू-माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पदभार संभालते ही साफ किया कि भू-माफिया, अवैध कब्जाधारियों और भ्रष्टाचार पर सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की होगी। उन्होंने कहा कि सीओ कार्यालय से लेकर सचिवालय तक कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाना सरकार की प्राथमिकता है। फर्जी म्यूटेशन, जमीन विवाद और अवैध कब्जों पर विशेष निगरानी के साथ सख्त कार्रवाई की तैयारी है। अधिकारियों को जनता से जुड़ी शिकायतों के त्वरित और निष्पक्ष निपटारे के निर्देश दिए गए हैं।
फ्लैटधारियों के लिए बड़ी राहत—अब सभी का म्यूटेशन एक ही जमाबंदी में
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि सरकार ने फ्लैटधारकों को राहत देते हुए एक नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब किसी अपार्टमेंट में मौजूद सभी फ्लैटधारियों का म्यूटेशन एक ही जमाबंदी में किया जाएगा। अभी तक लोग रजिस्ट्री को ही म्यूटेशन मान लेते थे, जिससे राजस्व का नुकसान होता था और विवाद भी बढ़ते थे। नई व्यवस्था से प्रक्रिया सरल होगी, राजस्व बढ़ेगा और शहरी क्षेत्रों में जमीन विवादों में कमी आएगी।
सर्वे पूरा होने पर बड़े फायदे
डिजिटल भूमि सर्वे पूरा होने के बाद राज्य में जमीन का एकीकृत और सटीक रिकॉर्ड तैयार होगा, जमाबंदी, खाता, नक्शा जैसे दस्तावेज तुरंत उपलब्ध होंगे भूमि विवादों में उल्लेखनीय कमी आएगी, सरकारी योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण आसान होगा और रैयतों को राजस्व से जुड़ी सेवाओं की तेज सुविधा मिलेगी।
बिहार में भूमि सुधार और डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने का यह अभियान राज्य की सबसे बड़ी प्रशासनिक परियोजनाओं में से एक है। अवधि बढ़ाने के साथ सरकार ने साफ संकेत दिया है कि डिजिटल भूमि सर्वे को गति देने, पारदर्शिता बढ़ाने और जनता तक सेवाओं को सरल और प्रभावी ढंग से पहुंचाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जाएंगे।