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Bihar News: राजस्व मंत्री के गृह जिला व नगर विकास मंत्री के क्षेत्र वाला CO नीचे से दूसरा, बिहार के 10 सबसे खराब और 10 बेहतर काम करने वाले 'सीओ' को जानें....

दाखिल-खारिज की ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होने के बावजूद अंचल अधिकारियों की मनमानी जारी है। दरभंगा के जाले अंचल सहित कई जिलों में आवेदन बिना जांच के अस्वीकृत किए जा रहे हैं। राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने इस पर सख्त नाराजगी जताई है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 03 Apr 2025 12:32:43 PM IST

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Bihar News:  बिहार के अंचल अधिकारियों की मनमानी रूकने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सारी कोशिश बेकार साबित हो रही है. दाखिल-खारिज के मामलों में खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा. सरकार ने ऑनलाइन दाखिल खारिज की व्यवस्था लागू की है, इसके बाद भी सीओ की मनमानी नहीं रूक रही. बिना जांच ही दाखिल खारिज के ऑनलाइन आवेदन रद्द किए जा रहे हैं. इनमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी का गृह जिला दरभंगा का 'जाले' अंचल दूसरे नंबर पर है. 'जाले' अंचल बिहार के नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार का विधानसभा क्षेत्र है.

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के गृह जिले के अंचल का हाल खराब

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से बताया गया है कि,  दाखिल खारिज के लिए प्राप्त आवेदनों को अस्वीकृत करने के आधार पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों में लखीसराय का पिपरिया अंचल पहले स्थान पर है. इस अंचल में अंचलाधिकारी ने विगत वर्ष में दाखिल खारिज के कुल प्राप्त आवेदनों में से 65.12% आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया है.दूसरे स्थान पर दरभंगा का जाले है जहाँ दाखिल खारिज आवेदनों को अस्वीकृत करने का प्रतिशत 62.96 है. तीसरे स्थान पर भोजपुर का अगियांव(55.21%), चौथे स्थान पर किशनगंज का ठाकुरगंज(55.15%), पांचवें स्थान पर जहानाबाद का मोदागंज(53.91%), छठे स्थान पर भोजपुर का बरहरा(53.52%), सातवें स्थान पर अररिया का जोकीहाट(52.38%), आठवें स्थान पर मधुबनी का जयनगर(50.30%), नौवें स्थान पर खगड़िया का बेलदौर(50.09%) तथा दसवें स्थान पर दरभंगा का कुशेश्वर स्थान पूर्वी (49.62%) है. 

सबसे बेहतर प्रदर्शन कैमूर के नुआंव अंचल का है

इसी आधार पर कैमूर के नुआंव अंचल का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। यहाँ कुल प्राप्त आवेदनों में से मात्र 6.74% आवेदनों को हीं अस्वीकृत किया गया है। दूसरे स्थान पर नालंदा का एकंगरसराय(7.44%), तीसरे स्थान पर लखीसराय का हलसी(8.93%), चौथे स्थान पर कैमूर का मोहनियां(9.24%),  पांचवें स्थान पर मुजफ्फरपुर का मुरौल अंचल(9.54%), छठे स्थान पर वैशाली का पातेपुर(9.60%), सातवें स्थान पर पूर्णिया का श्रीनगर अंचल(9.71%), आठवें स्थान पर सीतामढ़ी का बाजपट्टी(10.26%), नौवें स्थान पर लखीसराय का बरहिया(10.53%)तथा दसवें स्थान पर कैमूर का रामपुर अंचल(11.06%) है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को अपर मुख्य सचिव तथा सचिव की मौजूदगी में विभागीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा प्रदत ऑनलाइन सेवाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी ली। दाखिल- खारिज मामलों में विगत छ: महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुये मंत्री ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि कई छोटे-मोटे कारणों की वजह से अंचलाधिकारियों द्वारा  दाखिल-खारिज के मामलों को अस्वीकृत कर दिया जाता है। जिस कारण आवेदनों को निरस्त करने का प्रतिशत काफी ज्यादा हो जाता है।

मंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान यह भी कहा कि आमजनों को दाखिल खारिज हेतु आवेदन करते समय अपना हीं मोबाइल नंबर डालना चाहिये। सीएससी सेंटर या साइबर कैफे से आवेदन करते वक्त भी यह ध्यान रखें कि मोबाइल नंबर कैफे वाले का ना डालें, बल्कि आवेदक सजग होकर अपना फोन नंबर दें।