Bihar weather update: बिहार में 23 जिलों में हीटवेव का अलर्ट, रोहतास सबसे गर्म; 7 जिलों में बारिश की संभावना, 16 मई तक रहेगा ‘हॉट डे’ Lucknow Bus Fire Accident: बिहार से दिल्ली जा रही बस में भीषण आग, 5 यात्री जिंदा जले, ड्राइवर-कंडक्टर भागे Bihar Librarian Recruitment: राज्य में 6500 पुस्तकालयाध्यक्षों की भर्ती, जानें वेतनमान और परीक्षा विवरण MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 28 Jan 2025 09:18:32 AM IST
सेना की जमीन पर अवैध कब्जा - फ़ोटो google
Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे के बीच बड़ी खबर सामने आई है। पूरे राज्य में सेना की 150 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा है। विभाग को बार बार जानकारी दिए जाने के बावजूद इन जमीनों से अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका है। अब सेना की तरफ से बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल को पत्र जारी कर जमीनों को मुक्त कराने को कहा गया है। राज्य के 6 जिलों में 150 एकड़ से अधिक जमीन पर सरकारी विभागों और रैयतों का कब्जा है।
सेना मुख्यालय झारखंड एवं बिहार सब एरिया दानापुर कैंट के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल विकास भारद्वाज ने मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार में जमीन सर्वे को लेकर दस्तावेज सही किए जा रहे हैं। सेना की जमीन को लेकर बिहार सरकार के भूमि सुधार विभाग और मिलिट्री लैंड रिकॉर्ड में काफी अंतर है। ऐसे में सेना की जमीन का म्यूटेशन जरूरी है। जहां भी अतिक्रमण है वहां से हटाया जाए।
सेना के मेजर ने इन जमीनों की सूची भी उपलब्ध कराई है। जिन जमीनों का म्यूटेशन नही हो सका है उसकी भी जानकारी दी गई है। सेना के इस पत्र के बाद विभाग के विशेष सचिव ने राज्य के 6 जिलों मुजफ्फरपुर, पटना, रोहतास, गोपालगंज, गया और कैमूर के समाहर्ता को पत्र लिखा है और कहा है कि गलत म्यूटेशन के कारण अतिक्रमण और अनावश्यक मुकदमेबाजी के मामले बढ़े हैं। ऐसे में रक्षा भूमि के अभिलेख का रख रखाव, म्यूटेशन और जमीनों को मुक्त कराना आवश्यक है। उन्होंने ने नियमों के तहत कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मेजर के एक पत्र के अनुसार, बिहार में सेना की ज़मीनों पर अतिक्रमण की स्थिति इस प्रकार है:
मुजफ्फरपुर: यहाँ सेना की कुल 9.36 एकड़ ज़मीन पर अतिक्रमण है, जिसमें से 4.48 एकड़ पर बिहार सरकार और 4.88 एकड़ पर नागरिकों का कब्ज़ा है।
गया: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 344.39 एकड़ सेना की ज़मीन दिए जाने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। यहाँ सेना के पास कुल 1052.150 एकड़ ज़मीन में से केवल 1030.23 एकड़ ही बची है, जबकि 96.15 एकड़ को वन विभाग के कब्ज़े में बताया गया है।
दानापुर कैंट एरिया: 0.314 एकड़ ज़मीन पर बीएसएनएल का कब्ज़ा है।
मनेर: 0.227 एकड़ ज़मीन पर पीडब्ल्यूडी, कल्याण पदाधिकारी और एक धार्मिक स्थल स्थित हैं।
नौसा: 19.88 एकड़ ज़मीन पर बिहार मिलिट्री पुलिस का पूरी तरह से कब्ज़ा है।
हथुआ: 10.003 एकड़ ज़मीन पर ग्रामीणों का कब्ज़ा है।
सासाराम: 10.06 एकड़ ज़मीन पर बीडीओ, ग्रामीण इंजीनियरिंग संगठन और पीडब्ल्यूडी आदि का कब्ज़ा है।
सरवन (सासाराम ज़िला): 6.36 एकड़ ज़मीन पर बीएसईबी का कब्ज़ा है।
डेहरी ऑन सोन: 1.086 एकड़ ज़मीन पर बिहार पुलिस और नागरिकों का कब्ज़ा है।
जहानाबाद: 18.96 एकड़ ज़मीन पर बिहार सरकार का अतिक्रमण है।