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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Nov 2025 06:51:53 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो
Bihar News: बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के बाद राज्य की औद्योगिक तस्वीर बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य के उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना, रोजगार के बड़े अवसर तैयार करना और पलायन को रोकना होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित है, लेकिन राज्य में निजी क्षेत्र और उद्योगों के माध्यम से रोजगार के लाखों अवसर पैदा किए जा सकते हैं।
बिहार के औद्योगिक विकास को लेकर दिल्ली में 25 नवंबर को केंद्र सरकार की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। इसमें बिहार के उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल सहित केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। जायसवाल ने बताया कि बैठक में निवेशकों को आकर्षित करने, नई औद्योगिक नीतियों, लॉजिस्टिक सुधार, और बिहार को निवेश-अनुकूल राज्य बनाने पर व्यापक चर्चा की जाएगी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार सेमीकंडक्टर उद्योग स्थापित करने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर निर्माण में पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है, और बिहार में गंगा, कोसी समेत कई जलधाराओं के कारण पानी की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में है। सरकार ऐसे स्थानों की तलाश कर रही है जहाँ बड़ी मात्रा में पानी की सप्लाई संभव हो सके। अगर यह योजना साकार होती है, तो बिहार पूर्वी भारत का एक प्रमुख टेक्नोलॉजी हब बन सकता है।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार एक सप्ताह के भीतर बिहार के औद्योगिक विकास का विस्तृत रोडमैप तैयार कर लेगी। साथ ही, उद्योगों से जुड़ी बाधाओं और चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार एक माह के अंदर अपना मास्टर प्लान पेश करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार एक लैंड-लॉक्ड राज्य है, इसलिए लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए विशेष योजना विकसित की जाएगी, जिससे परिवहन लागत कम हो और उद्योग स्थापित करने वाले निवेशकों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें।
उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले वर्षों में औद्योगिक विकास के लिए ठोस नींव रखी है। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन चिह्नित करने और लैंड बैंक बनाने के निर्देश दिए थे, जो अब जमीन पर उतर चुका है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध भूमि की स्पष्ट सूची तैयार होने से निवेशकों को जमीन आवंटन आसान होगा और उद्योग लगाने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।
राज्य के उद्योग विभाग की योजना है कि छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए, हर जिले में क्लस्टर आधारित इंडस्ट्रियल मॉडल बनाया जाए, कृषि आधारित उद्योग, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को प्राथमिकता दी जाए, युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा, “हम बिहार में उद्योगों का जाल बिछाएंगे और रोजगार को राज्य में ही रोककर पलायन को न्यूनतम करने का लक्ष्य पूरा करेंगे।”