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Bihar Government : बिहार सरकार का डिजिटल एक्शन, साइबर फ्रॉड पर सख्ती; जेल से लेकर सोशल मीडिया तक निगरानी

बिहार सरकार ने साइबर फ्रॉड, फर्जी खबरों और सोशल मीडिया दुरुपयोग पर कड़ा एक्शन शुरू किया है। गृह मंत्री और सूचना मंत्री की संयुक्त पहल से डिजिटल गवर्नेंस को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Nov 2025 03:22:11 PM IST

Bihar Government : बिहार सरकार का डिजिटल एक्शन, साइबर फ्रॉड पर सख्ती; जेल से लेकर सोशल मीडिया तक निगरानी

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Bihar Government : बिहार में बढ़ते साइबर अपराध, फर्जी खबरों और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को देखते हुए राज्य सरकार ने दो मोर्चों पर निर्णायक कदम उठाए हैं। एक ओर गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने डिजिटल अपराध पर ‘सफाई अभियान’ की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचनाओं को तत्काल खारिज करने और कार्रवाई को तेज करने का निर्देश दिया है। दोनों विभागों की संयुक्त पहल यह संकेत दे रही है कि राज्य सरकार डिजिटल गवर्नेंस को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।


गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने साफ किया कि जेलों में मोबाइल फोन मिलने की घटनाओं पर अब जीरो टॉलरेंस की नीति लागू होगी। उन्होंने कहा कि यदि जेल परिसर में मोबाइल मिलता है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ कैदी या बंदी की नहीं, बल्कि जेल प्रशासन की भी होगी। हाल के दिनों में जेलों के भीतर से साइबर क्राइम चलाए जाने, ब्लैकमेलिंग और डिजिटल धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। सरकार का मानना है कि जेल से संचालित अपराध न केवल कानून-व्यवस्था को चुनौती देते हैं, बल्कि यह डिजिटल सुरक्षा तंत्र के लिए भी बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। इसलिए अब जेलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि कैदियों को डॉक्टर की स्पष्ट अनुमति के बिना बाहर से भोजन भेजने की सुविधा बंद कर दी जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि जेल के भीतर अवैध पहुंच, अनुचित संपर्क और अपराधियों के बाहरी नेटवर्क के साथ संवाद पर रोक लग सके। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अपमानजनक शब्द, भड़काऊ पोस्ट या अश्लील फोटो-वीडियो डालने वालों की पहचान तुरंत करने और बिना देरी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। सरकार का मानना है कि डिजिटल स्पेस अब कानून-व्यवस्था का सबसे संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है, जिसकी प्रभावी मॉनिटरिंग जरूरी है।


वहीं दूसरी ओर सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पदभार संभालते ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और सूचना प्रबंधन को विभाग की प्राथमिकता में शामिल कर लिया है। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी फर्जी खबर, गलत जानकारी या भ्रम फैलाने वाली पोस्ट को तुरंत नकारा जाएगा और जनता को सही सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री का जोर इस बात पर है कि सरकार और जनता के बीच संवाद अत्यंत तेज, पारदर्शी और भरोसेमंद होना चाहिए, जिसमें सोशल मीडिया की भूमिका सबसे अहम है। उन्होंने अपने विभाग की टीम को निर्देश दिया कि लोगों के सवालों, शिकायतों और शंकाओं का जल्द से जल्द जवाब दिया जाए और सरकारी योजनाओं पर फैलने वाली भ्रांतियों को समय रहते दूर किया जाए।


सूचना विभाग के सचिव ने बताया कि बिहार सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाइन मीडिया नियमावली 2024 के तहत राज्य सरकार ने एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम तैयार किया है। वर्तमान में विभाग से 306 ई-क्युएसर, 13 मोबाइल ऐप और 287 वेब मीडिया प्लेटफॉर्म जुड़े हुए हैं। यह नेटवर्क देश के राज्यों में सबसे सक्रिय माना जाता है। विभाग की फेसबुक फॉलोइंग देश में सबसे अधिक बताई जाती है, जो बिहार में डिजिटल गवर्नेंस की बढ़ती पहुंच और लोगों की सहभागिता को दर्शाती है।


इसके साथ ही राज्य सरकार जल्द एकीकृत वेबसाइट का नया संस्करण लॉन्च करने की तैयारी में है। इस वेबसाइट के माध्यम से सभी विभागों की अलग-अलग वेबसाइटों का संचालन एक ही प्लेटफॉर्म से किया जाएगा, जिससे न केवल डिजिटल प्रशासन केंद्रीकृत होगा बल्कि जनता को भी सूचनाओं की सरल और एकजुट पहुंच मिलेगी।


सरकार के इन दोनों कदमों का मुख्य लक्ष्य डिजिटल अपराधों पर नियंत्रण, फर्जी खबर और भड़काऊ कंटेंट पर रोक, जेलों से चल रहे अपराध के नेटवर्क को खत्म करना और दूसरी ओर सोशल मीडिया को सरकार और जनता के बीच सशक्त संवाद का माध्यम बनाना है। यह स्पष्ट है कि बिहार सरकार डिजिटल शासन के नए दौर की शुरुआत कर रही है, जिसके केंद्र में पारदर्शिता, सुरक्षा और सूचना का तेज प्रवाह शामिल है। आने वाले समय में इन प्रयासों का असर राज्य की कानून-व्यवस्था और डिजिटल प्रशासन दोनों पर सकारात्मक दिखने की उम्मीद है।