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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 24 May 2025 08:53:36 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Bhumi: इसमें कोई शक नहीं कि बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल ने राजस्व कार्यों को प्रभावित किया है, जिसे देखते हुए अब राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्थाओं का ऐलान कर दिया है। अमीन और पंचायत सचिवों को राजस्व कर्मचारियों के कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, हड़ताली कर्मचारियों से लैपटॉप वापस लेने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा पर बहाल करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर बातचीत की पेशकश भी की है, बशर्ते वे हड़ताल खत्म करें।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। इस बैठक में हड़ताल के कारण बाधित राजस्व कार्यों को फिर से शुरू करने की रणनीति बनाई गई। सोमवार, 26 मई 2025 को सुबह 11 बजे से अंचल अमीन और पंचायत सचिवों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित होगा, जिसमें उनकी उपस्थिति अनिवार्य होगी। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें दाखिल-खारिज, जमाबंदी और अन्य राजस्व कार्यों के लिए तैयार करना है।
साथ ही, हड़ताली कर्मचारियों को आवंटित लैपटॉप सोमवार शाम 5 बजे तक वापस करने का सख्त निर्देश दिया गया है, ताकि कार्यों में बाधा न आए। केवल यही नहीं, हड़ताल के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त राजस्व कर्मचारियों को संविदा के आधार पर बहाल करने का फैसला लिया है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं लें, जो अनुभवी हों और राजस्व कार्यों को सुचारू रूप से चला सकें।
इच्छुक सेवानिवृत्त कर्मचारी 27 मई से 31 मई 2025 तक अपने जिले के अपर समाहर्ता कार्यालय में पहचान पत्र के साथ संपर्क कर सकते हैं। यह कदम न केवल कार्यों की निरंतरता सुनिश्चित करेगा, बल्कि हड़ताल के दौरान जनता को होने वाली असुविधा को भी कम करेगा। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हड़ताली कर्मचारियों की मांगों के प्रति संवेदनशील है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कर्मचारी हड़ताल समाप्त करते हैं, तो अगले दिन उनकी मांगों पर चर्चा के लिए वार्ता का आयोजन किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि बातचीत से समाधान निकाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को पहले काम पर लौटना होगा। साथ ही, राजस्व कार्यों में पारदर्शिता और गति लाने के लिए विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों में स्थिति की निगरानी करने और नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।