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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत, जांच में जुटा वन विभाग

पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष में आपसी संघर्ष में एक बाघिन की मौत हो गई। शव पर गहरे घाव और नाखूनों के निशान मिले। वन विभाग ने पोस्टमार्टम कर नमूने जांच के लिए भेजे हैं। फॉरेन्सिक रिपोर्ट के बाद ही मौत की पुष्टि होगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 31 Aug 2025 09:41:00 PM IST

बिहार

बाघिन की मौत - फ़ोटो REPORTER

WEST CHAMPARAN: पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष से बड़ी खबर सामने आई है। प्रमंडल-1 के रघिया परिक्षेत्र अंतर्गत कक्ष संख्या र/58 में रविवार सुबह गश्ती दल ने एक मृत बाघिन देखी। इसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूचना मिलते ही क्षेत्र निदेशक और वन प्रमंडल पदाधिकारी-सह-उपनिदेशक दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति का जायजा लिया।


जाँच में बाघिन के शरीर पर कई गहरे घाव पाए गए। नाखूनों के निशान, जबड़े पर चोट और आसपास टूटी हुई शाखाओं पर चिपके बाल यह संकेत दे रहे थे कि घटना आपसी संघर्ष यानी इंफाइटिंग का परिणाम है। समीप ही नर बाघ के ताज़ा पदचिह्न भी मिले। यह तथ्य भी संघर्ष की आशंका को और मजबूत करता है। हालांकि बाघिन की गर्दन के पास एक पतली तार भी पाई गई, लेकिन उससे किसी आंतरिक चोट या शिकार का सबूत नहीं मिला।


वन विभाग ने मृत बाघिन को गोवर्धना परिक्षेत्र स्थित पोस्टमार्टम केंद्र पहुँचाया, जहां पशु चिकित्सा दल ने निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत उसका पोस्टमार्टम किया। इस दौरान आवश्यक अंग और ऊतक के नमूने सुरक्षित कर वैज्ञानिक जांच के लिए देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) और बरेली स्थित इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) भेजे गए हैं।


निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पोस्टमार्टम उपरांत बाघिन के शव को जलाया गयाा। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मौत आपसी संघर्ष की वजह से प्रतीत हो रही है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष फॉरेन्सिक रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा। गौरतलब है कि वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है। यहां समय-समय पर बाघों की गतिविधियां दर्ज की जाती हैं। बाघों की बढ़ती संख्या के कारण उनके बीच क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं।