ब्रेकिंग न्यूज़

IPL 2025: IPL इतिहास में सबसे ज्यादा बार ट्रॉफी उठाने वाले प्लेयर्स, RCB के इस स्टार के पास हैं 4 खिताब Bihar Rain Alert: इन 12 जिलों में आज तबाही मचाएगी बारिश, IMD ने जारी की विशेष चेतावनी IPL Final 2025: खत्म हुआ वनवास, मिट गए सारे कलंक; 17 साल बाद RCB पहली बार बनी चैंपियन सासाराम में दर्दनाक सड़क हादसा: ड्यूटी से घर लौट रहे सफाईकर्मी पिता-पुत्र की ट्रैक्टर से कुचलकर मौत JEE Advanced 2025: आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड पटना के छात्रों ने किया कमाल, 22 स्टूडेंट ने किया IIT क्वालीफाई BIHAR: गर्मी की छुट्टी मनाने मायके जाना पड़ गया महंगा, ट्रेन में सफर के दौरान ट्रॉली बैग से चोरी हो गया 8 लाख का गहना 5 करोड़ का घाटा झेलकर तुर्की का किया बहिष्कार, अब समाजसेवा में भी छा रहे अजय सिंह Bihar News: लालू की अंधेर नगरी के युवराज हैं तेजस्वी...मुजफ्फरपुर दुष्कर्म कांड पर सरकार सख्त - BJP Bihar Crime News: बिहार में बेखौफ हुए बदमाश, सब्जी खरीदने बाजार गए छात्र की चाकू मारकर ले ली जान Bihar Crime News: बिहार में बेखौफ हुए बदमाश, सब्जी खरीदने बाजार गए छात्र की चाकू मारकर ले ली जान

Bihar News : 20 साल से बनकर तैयार है ब्रिज, फिर भी हजारों लोगों के लिए चचरी पुल बना सहारा

Bihar News : बिहार के बेतिया के एक गाँव में २० वर्षों से पुल बनकर तैयार है इसके बावजूद लोग ना सिर्फ चचरी के पुल का सहारा लेने को विवश हैं बल्कि उसके इस्तेमाल के लिए टैक्स भी देने को मजबूर हैं.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Feb 2025 03:08:33 PM IST

Bihar News

- फ़ोटो google

Bihar News : बेतिया जिले के मैनाटाड़ प्रखंड के मर्जदवा पथ में हाजमाटोला गाँव है, जहाँ हरपतबेनी नदी पर 20 साल से पुल बनकर तैयार है मगर उसके बावजूद लोग उसका उपयोग नहीं कर पा रहे क्योंकि अब तक इस पुल को चालु करने की पहल किसी के द्वारा नहीं की गई है. नतीजा यह हुआ की लोग आज एक चचरी पुल के सहारे इस नदी को पार कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें कर भी देना पड़ता है, बताया जा रहा है कि इसी पुल के सहारे करीब 20 हजार की आबादी आवागमन करती है.


बताते चलें कि 20 वर्ष पहले इस नदी पर लगभग 21.5 लाख रूपये की लागत से पुल का निर्माण कराया गया था लेकिन आजतक एक भी राहगीर को इसका फायदा नहीं मिल सका है. इसके पीछे का कारण यह है कि इस पुल के एप्रोच के ठीक सामने ही एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, वह व्यक्ति इसे अपनी निजी भूमि बतला रहा,   हैरानी की बात यह है कि आजतक किसी भी नेता या प्रशासन द्वारा इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.


हालाँकि 2018 के अप्रैल महीनें में तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर आधा दर्जन थानों के पदाधिकारियों के द्वारा अतिक्रमण करने वाले हरेन्द्र महतों की दीवार ध्वस्त कर दी गयी थी, वहां मौजूद पेड़ को काटकर तथा मिटटी भराई कर पुल को शुरू करने की योजना अबतक सफल नहीं पाई है और लोगों को आज भी 5 रूपये का शुल्क अदा कर चचरी पुल के सहारे नदी को पार करना पड़ रहा.


ज्ञात हो कि बरसात के दिनों में हरपतबेनी नदी का जलस्तर बढ़ जाता है जिसके बाद यह चचरी का पुल भी निष्क्रीय हो जाता है और लोगों को आसपास के गाँव में जाने के लिए दुगनी दूरी तय करनी पड़ जाती है. स्थानीय लोग इस वजह से परेशान और आक्रोशित हैं, साथ ही अब भी वे यह उम्मीद लिए बेबस होकर सरकार की तरफ देख रहे कि शायद आज नहीं तो कल इनकी इस समस्या का निदान होगा.