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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 22 May 2025 05:26:18 PM IST
अवैध भूमि का खरीद-बिक्री - फ़ोटो GOOGLE
Land Scam: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में बेतिया राज के जमीन में कई अवैध रजिस्ट्री का खुलास हुआ है, जिसमें भू-माफिया के मिलीभगत से जमीन खरी-बिक्री किया गया है। दरअसल, बेतिया राज के जमीन में खाता-दो की गैरमजरूआ, कैंसरे हिंद, बंदोबस्ती, सैरात, बाजार, हाटा, नदी, पइन, श्मशान, कब्रिस्तान, मठ-मंदिर की भूमि, और भूदान की ज़मीन जैसी सरकारी या सार्वजनिक उपयोग की जमीनों की खरीद-बिक्री पर पूर्ण रोक के बावजूद, भू-माफियाओं की मिलीभगत से कई अवैध रजिस्ट्री के मामले सामने आ रहे हैं।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय की सख्ती के बाद, ऐसी 12 रजिस्ट्री के मामले उजागर हुए हैं, जो सरकारी रोक सूची में शामिल भूमि से संबंधित हैं। इन पर तत्काल निबंधन रोक दिया गया है और सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी जमीनों की रिपोर्ट डीएम कार्यालय को जल्द से जल्द भेजें।
डीएम ने स्पष्ट किया है कि रोक सूची में 1,20,523 खाता-खेसरा शामिल हैं, जिनका कुल रकबा 2,245 एकड़ है। यह सूची अब चनपटिया, नरकटियागंज, लौरिया और बगहा के सभी निबंधन कार्यालयों को भेजी जा रही है। इन भूमि की खरीद-बिक्री पर अब कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि भू-माफिया राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से रजिस्टर-2 में छेड़छाड़ कर खाता-खेसरा बदल रहे हैं और रकबा भी बढ़ा दे रहे हैं। इतना ही नहीं, कई मामलों में रोक सूची में शामिल होने से पहले ही जमीनों की खरीद-बिक्री कर दी गई है, जिससे संदेह बढ़ा है कि यह सुनियोजित रैकेट हो सकता है।
एक बड़ा मामला शेखौना मठ की एनएच-727 के किनारे पीपरा गांव में सामने आया है, जहां 19 एकड़ जमीन की अवैध रजिस्ट्री की गई थी। तत्कालीन डीएम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे के निर्देश पर जांच हुई और तत्कालीन एडीएम नंदकिशोर साह ने मठ की जमीन की जमाबंदी रद्द कर दी। यह जमीन सरकारी रोक सूची में पहले से दर्ज थी।
डीएम ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों ने ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री की है, उनसे साक्ष्य सहित विवरण मांगा गया है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आम जनता और संभावित खरीदारों से अपील की गई है कि वे किसी भी जमीन की खरीद से पहले खाता-खेसरा की वैधता और सरकारी रोक की जांच अवश्य करें।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब भूमि माफियाओं और भ्रष्ट राजस्व कर्मियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी व धार्मिक संपत्तियों की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।