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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 21 Oct 2025 08:05:59 PM IST
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 - फ़ोटो REPORTER
KATIHAR: बिहार की सियासत में इस बार कटिहार की 63 नंबर विधानसभा सीट ने सबको चौंका दिया है। लगभग तीन दशकों से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में रही यह परंपरागत सीट अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में चली गई है। राजनीतिक हलकों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं, मानो कटिहार की सियासत में अचानक एक भूचाल आ गया हो।
जानकारों का कहना है कि “इश्क और सियासत दोनों में मज़ा है, बस दिल और दिमाग खुला रखिए।” यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि इस बार समीकरण कुछ अलग हैं — पिता एमएलसी हैं भाजपा कोटे से, जबकि पुत्र महागठबंधन के घटक दल वीआईपी से चुनाव मैदान में हैं। ऐसे में यह पारिवारिक और राजनीतिक जोड़–तोड़ दोनों ही स्तर पर दिलचस्प बन गया है।
राजद के प्रदेश सचिव जाहिद आलम ने तमाम अटकलों के बाद स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि “हम नए चेहरों और युवाओं को आगे लाना चाहते हैं, और महागठबंधन हमेशा युवाओं का सम्मान करता है।” उनका इशारा स्पष्ट था कि सौरभ अग्रवाल, जो अब वीआईपी के प्रत्याशी हैं, उसी युवा सोच का हिस्सा हैं।
हालांकि यह सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर वह सीट जो लगातार 30 वर्षों तक राजद के खाते में रही, वह अब हाथ से कैसे निकल गई? इस सीट से डॉ. राम प्रकाश महतो ने करीब 10 साल तक विधायक रहते हुए शिक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया था, लेकिन पिछले चार चुनावों में लगातार हार के बाद पार्टी ने नया दांव खेलने का फैसला लिया।
नतीजतन, इस बार कटिहार सीट महागठबंधन के भीतर वीआईपी को सौंप दी गई, और वहां से सौरभ अग्रवाल मैदान में हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या वीआईपी इस ऐतिहासिक सीट पर नया इतिहास लिख पाएगी या यह फैसला राजद कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष की वजह बनेगा।