Bihar News: बिहार के इस जिले में नए रोड ओवर ब्रिज का निर्माण, खर्च होंगे ₹118 करोड़

Bihar News: रेल मंत्रालय ने कटिहार में मुकुरिया इंड पर 118.61 करोड़ का दो लेन रोड ओवर ब्रिज मंजूर किया है। लेवल क्रॉसिंग गेट KM-2 और KK-1 की जगह लेगा। जानें कैसे इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और यात्रा सुरक्षित बनेगी..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 04 Sep 2025 08:10:13 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: कटिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, रोजाना ट्रेनों के आने-जाने से सड़कें जाम हो जाने की समस्या अब ख़त्म हों जा रही। रेल मंत्रालय ने कटिहार जंक्शन के मुकुरिया इंड पर दो लेन वाले रोड ओवर ब्रिज के निर्माण को हरी झंडी दे दी है, जिसकी अनुमानित लागत 118.61 करोड़ रुपये है। यह ब्रिज मौजूदा लेवल क्रॉसिंग गेट KM-2 और KK-1 की जगह लेगा जो कटिहार-दंडखोरा और कटिहार-मियाना सेक्शन के बीच स्थित हैं।


इन गेटों के कारण राज्य राजमार्ग 98 को राष्ट्रीय राजमार्ग 31 से जोड़ने वाली व्यस्त सड़क पर घंटों जाम लग जाता था। ट्रैफिक सेंसस 2024 के आंकड़ों से साफ है कि इन क्रॉसिंग्स पर रोजाना 1,11,420 और 2,91,024 वाहन गुजरते हैं जो रेल और सड़क यातायात में तेजी से बढ़ोतरी को दिखाता है। मंत्रालय का यह फैसला न सिर्फ जाम की समस्या हल करेगा बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी मजबूत बनाएगा।


यह प्रोजेक्ट कटिहार के व्यस्त इलाके में एक नया अध्याय लिखेगा। निर्माण में 30 स्पैन का पीएससी गर्डर वायडक्ट और दो स्पैन का स्टील गर्डर वायडक्ट शामिल होगा जो ब्रिज को मजबूत और टिकाऊ बनाएगा। फिलहाल भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है और एक बार शुरू होने पर यह काम तेजी से पूरा होने की उम्मीद है।


कटिहार जंक्शन पूर्वी भारत का महत्वपूर्ण रेल हब है, यह जिला पहले से ही कई ROB प्रोजेक्ट्स का गवाह रहा है, जैसे 2022 में मंगल बाजार पर बना 72 मीटर का बाउ स्ट्रिंग गर्डर ब्रिज। लेकिन मुकुरिया इंड पर यह नया ब्रिज खास तौर पर सड़क उपयोगकर्ताओं और पैदल यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। ट्रेनों के गुजरने पर गेट बंद होने की वजह से होने वाले जाम से हजारों लोग परेशान होते थे, अब यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।


रेल मंत्रालय के इस कदम से कटिहार क्षेत्र में रेल परिचालन की दक्षता बढ़ेगी। ब्रिज बनने से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी कम हो जाएगा। स्थानीय व्यापारी और निवासी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे, क्योंकि जाम के कारण सामान की ढुलाई और दैनिक यात्रा दोनों प्रभावित होती थी।