Bihar News: बिहार के 2 जिलों को प्रदान किए गए 77 मोबाइल टावर, लोगों को जरुरी कार्य के लिए 50KM की यात्रा करने से मिला छुटकारा

Bihar News: बिहार के कैमूर (72) और रोहतास (5) जिलों में 77 मोबाइल टावरों का उद्घाटन, पीएम मोदी ने ओडिशा से किया वर्चुअल लॉन्च। वनवासियों को 50 किमी दौड़ने से छुटकारा, छात्र-किसान घर से कर पाएंगे ऑनलाइन काम..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Sep 2025 08:26:35 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार के दूरदराज इलाकों में भी अब डिजिटल दुनिया तक पहुँच का रास्ता आसान हो गया है। कैमूर जिले को 72 और रोहतास को 5 मोबाइल टावरों की सौगात मिली है, जिससे पहाड़ी गांवों और टोलों में 4जी कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा से वर्चुअली इन टावरों का उद्घाटन किया है। पहले इन क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी से लोग ऑनलाइन काम के लिए घंटों दौड़ते थे, लेकिन अब घर बैठे ही सब कुछ संभव होगा। सासाराम दूरसंचार केंद्र के प्रमुख जनार्दन सिंह ने बताया कि अधौरा के वनवासी अब 50 किलोमीटर दूर सेंटर जाने की मजबूरी से मुक्त हो जाएंगे।


ये टावर खासकर उन जगहों पर लगाए गए हैं, जहां पहाड़ और जंगल नेटवर्क को ब्लॉक कर देते थे। सर्वे के बाद चुने गए 77 लोकेशनों में कैमूर के अधौरा, भभुआ जैसे इलाके प्रमुख हैं, जबकि रोहतास के कुछ टोल भी कवर हुए। इससे छात्र परीक्षा फॉर्म भर सकेंगे, युवा जॉब अप्लाई कर पाएंगे, किसान सरकारी योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे और मजदूर ई-श्रम पोर्टल पर नाम दर्ज करा सकेंगे। ऑनलाइन पेमेंट, वीडियो कॉल और ट्रेन-फ्लाइट टिकट बुकिंग जैसी छोटी-छोटी जरूरतें भी अब आसानी से पूरी होंगी।


उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी का संबोधन गांवों के स्क्रीन पर लाइव दिखाया गया, यह पहली बार इतने बड़े स्तर पर हुआ था। अधौरा के अलग-अलग गांवों में ग्राम प्रधान, अधिकारी और ग्रामीणों ने इसे एक साथ बैठकर देखा। इससे लोगों का उत्साह बढ़ा है और डिजिटल इंडिया की ताकत का उन्हें एहसास भी हुआ। रोहतास के सासाराम जैसे शहरों में भी यह कनेक्टिविटी व्यापार और शिक्षा को बूस्ट देगी।


यह पहल बिहार सरकार की डिजिटल कनेक्टिविटी मुहिम का हिस्सा है जो कि आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। वनवासी और किसान अब स्मार्टफोन से सरकारी सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे, यह पहले उनके लिए एक सपने के जैसा था। उम्मीद है कि जल्द ही दूसरे जिलों में भी ऐसे ही सुविधा फैलेगी, ताकि बिहार पूरे देश में डिजिटल हब बन सके।