Bihar Land Mutation: अब जमीन का नक्शा भी होगा म्यूटेशन में शामिल, सरकार शुरू करने जा रही नई योजना Bihar News: पटना-बक्सर-भागलपुर में खतरे के निशान पर गंगा, जलस्तर में लगातार वृद्धि चिंता का विषय Bihar Rain Alert: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का प्रकोप, कई दिनों तक बिगड़ा रहेगा पटना का मौसम Bihar News: लखीसराय में महायज्ञ के बीच गोलीबारी, 2 युवक बने शिकार शराबबंदी वाले बिहार में नशे में धुत शिक्षक ने स्कूल में मचाया हंगामा, वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तारी गाड़ी लगाने के विवाद में हत्या: एक ही परिवार के 4 लोगों को उम्रकैद, कोर्ट का सख्त फैसला BIHAR: पटना में रंगदारी नहीं देने पर मिस्त्री को मारी गोली, CCTV में कैद हुई तस्वीर पटना एम्स निदेशक पर गिरफ्तारी की तलवार, कैट ने जारी किया जमानती वारंट BIHAR CRIME: नालंदा में महिला की हत्या कर शव को दफनाया, शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करने पर पड़ोसी ने मौत के घाट उतारा BIHAR CRIME: नवादा में दो चचेरे भाइयों पर चाकू से जानलेवा हमला, एक की हालत गंभीर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 26 May 2025 02:47:35 PM IST
वट सावित्री पूजा - फ़ोटो google
GAYA: बिहार में आज वट सावित्री पूजा धूमधाम के साथ मनाया गया। गया जी जिले में भी आज वट सावित्री पूजा पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। भारी बारिश के बावजूद सुहागिन महिलाओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। सुबह से ही पूरे जिले में पूजा की रौनक दिखाई दी। जब महिलाएं सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष (बरगद के पे़ड़) की पूजा की। इस पावन अवसर पर महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु और सुखमय जीवन की कामना करते हुए व्रत रखा और विधिवत पूजा-अर्चना की।
सुहागिन महिलाएं पारंपरिक परिधान में, हाथों में मेहंदी, माथे पर बिंदी, मांग में सिंदूर और पूरे सोलह श्रृंगार के साथ पूजा स्थल पर पहुंचीं। उन्होंने वट वृक्ष के चारों ओर धागा लपेटकर परिक्रमा की, पूजा की थाली सजाई और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनकर उनका स्मरण किया। यह पूजा हिंदू धर्म में पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है, जिसकी प्रेरणा पौराणिक पात्र सावित्री से ली जाती है, जिन्होंने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिए थे।
पहली बार पूजा कर रही महिलाओं में भी उत्साह
इस मौके पर पहली बार व्रत रख रहीं सोनाली सिंह ने कहा, "यह मेरी पहली वट सावित्री पूजा है। हमने कई दिनों पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी..नए कपड़े खरीदे, पूजा का सामान इकट्ठा किया और आज सुबह से ही इस पावन पर्व के लिए सजधज कर तैयार हुई।"
उन्होंने आगे कहा कि इस दिन महिलाएं न केवल पूजा करती हैं, बल्कि अपने पतियों के चरण धोकर उन्हें पंखा झेलती हैं, रक्षा सूत्र बांधती हैं, तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं। यह दिन पति को सम्मान देने और अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने का प्रतीक बनता है।
आस्था के साथ प्रकृति से जुड़ाव
वट सावित्री पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का भी एक माध्यम है। महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं, जो आयु, संतान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह वृक्ष भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है और इसे देववृक्ष भी कहा जाता है।
गया में वट सावित्री पूजा ने आज फिर से यह सिद्ध किया कि भारतीय परंपराएं आज भी जीवंत हैं और लोगों की आस्था में गहराई से जुड़ी हुई हैं। कठिन मौसम भी श्रद्धा की भावना को डिगा नहीं सका। यह पर्व न केवल पति की लंबी उम्र की कामना का प्रतीक है, बल्कि वैवाहिक जीवन की मजबूती और प्रेम की पराकाष्ठा का भी परिचायक है।
वही पटना में भी वट सावित्री की पूजा धूमधाम के साथ की गयी। पटना सिटी के खाजेकला इलाके में भी सुहागिन महिलाओं ने ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत किया और पति की लंबी आयु की कामना की। इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर वट वृक्ष की पूजा की। मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य के साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।