1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Sep 2025 02:45:52 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: देशभर में यहां शारदीय नवरात्रि की धूम के बीच एक दर्दनाक हादसे ने बिहार के दरभंगा जिले में त्योहार की खुशियों को गम में बदल दिया। बहादुरपुर थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव में श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन इस पावन अवसर पर हुई एक अप्रत्याशित दुर्घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।
दरअसल, मंदिर परिसर में सजावट के लिए लाइट लगाने का काम चल रहा था। इसी दौरान अशोक कमती के बेटे श्याम सुंदर, जो पानी टंकी पर झालर लगा रहे थे, अचानक असंतुलित होकर नीचे गिर पड़े। गिरने से उन्हें गंभीर चोटें आईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा इतना अचानक हुआ कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। घटना के बाद पूजा पंडाल में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) भेज दिया। हादसे की सूचना मिलते ही श्याम सुंदर के घर में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक के पिता अशोक कमती ने बताया, "हम घर पर थे और चाय पी रहे थे, तभी किसी ने आकर हादसे की सूचना दी। जब यहां पहुंचे तो देखा कि मेरा बेटा लाइट लगाने के दौरान टंकी से गिर चुका था। वह दुर्गा पूजा पंडाल की सजावट कर रहा था। हमें बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि ऐसा कुछ हो जाएगा।"
श्याम सुंदर अपने परिवार के लिए एकमात्र सहारा थे और गांव में मेहनती युवक के तौर पर जाने जाते थे। उनका यूं असमय जाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए गहरी क्षति है। पूरे गोविंदपुर गांव और आसपास के इलाकों में मातम पसरा हुआ है। श्रद्धा और उल्लास से भरा हुआ यह पर्व अब शोक और संवेदना में बदल चुका है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
इस बीच, बहादुरपुर थाना की पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सुरक्षा मानकों का उचित पालन नहीं किया गया था। अब पुलिस यह भी देख रही है कि आयोजन समिति की ओर से पर्याप्त सावधानी बरती गई थी या नहीं। अगर लापरवाही पाई गई, तो संबंधित लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
यह हादसा एक कड़ा सबक है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के प्रति थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। पूजा की तैयारी और श्रद्धा के साथ-साथ, सुरक्षा उपायों को भी प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है।