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20-May-2025 12:10 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार राज्य में खेलों के विकास और ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य के सभी 9 प्रमंडलीय मुख्यालयों में अत्याधुनिक खेल गांव (Sports Village) का निर्माण किया जाएगा। इनमें से कई स्थानों पर भूमि चिह्नित की जा चुकी है और कुछ में निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है।
खेल विभाग के अनुसार, सहरसा और पूर्णिया प्रमंडलों में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वहां निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। सरकार का लक्ष्य है कि इन दोनों खेल गांवों का निर्माण 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाए। खेलों के बिहार के कई जिलों को आवंटित किया गया है, जिसमें मुजफ्फरपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि खेल गांव के लिए चिह्नित की गई है। भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय की भूमि प्रस्तावित है।
वहीं, दरभंगा के भूमि चिह्नित हो चुकी है और हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। गया और मुंगेर के जमीन चिन्हांकन हो चुका है, आगे की प्रक्रिया प्रगति पर है। छपरा के पहले चयनित भूमि उपयुक्त नहीं पाई गई, नए सिरे से तलाश जारी है। राज्य का सबसे बड़ा खेल गांव पटना के पुनपुन इलाके में बनेगा, जिसकी कुल अनुमानित भूमि 100 एकड़ होगी। इसके लिए निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जिला प्रशासन को अधियाचना भेजी जा चुकी है और पहले चरण के लिए राशि भी स्वीकृत कर दी गई है।
भवन निर्माण विभाग हर स्थान पर खेलों की आवश्यकता के अनुसार डिज़ाइन तैयार करेगा। किसी एक डिजाइन को थोपने के बजाय, स्थानीय जरूरतों के अनुसार खेल परिसर का स्वरूप तय किया जाएगा। हर खेल गांव में खिलाड़ियों के अभ्यास और प्रशिक्षण के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें एथलेटिक्स ट्रैक, फुटबॉल और क्रिकेट मैदान, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल कोर्ट, कबड्डी और खो-खो मैदान, खिलाड़ियों और कोचों के लिए आवासीय सुविधाएं और जिम, फिजियोथेरेपी यूनिट, कैफेटेरिया और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र शामिल किया जाएगा।
यह पहल बिहार की नई खेल नीति के तहत की जा रही है, जिसमें राज्य से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करने का लक्ष्य है। सरकार ने पहले ही खेल को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, ट्रेनिंग कैम्प, और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू कर दिया है। बिहार सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य के युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित करेगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी उनकी उपस्थिति को मजबूत करेगा। अगर समयबद्ध रूप से इन खेल गांवों का निर्माण हो जाता है, तो यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।