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24-Feb-2025 08:01 AM
By First Bihar
Vaastu Shastra: वास्तु शास्त्र में प्रत्येक दिशा का विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है। यह दिशा देवताओं का निवास स्थान मानी जाती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा, बुद्धि, समृद्धि और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। यदि इस दिशा का सही ढंग से उपयोग किया जाए, तो घर में खुशहाली, स्वास्थ्य और सौभाग्य बना रहता है।
ईशान कोण में क्या होना चाहिए?
पूजा घर या मंदिर: ईशान कोण को देवताओं की दिशा माना जाता है, इसलिए इस स्थान पर पूजा घर या मंदिर बनाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिशा में पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और घर में आध्यात्मिक ऊर्जा बनी रहती है।
बच्चों का कमरा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, ईशान कोण को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। यदि इस दिशा में बच्चों का अध्ययन कक्ष हो, तो उनकी एकाग्रता और बौद्धिक विकास में वृद्धि होती है।
जल तत्व से जुड़ी चीजें: वास्तु के अनुसार, इस दिशा का संबंध जल तत्व से होता है। इसलिए इस क्षेत्र में अक्वेरियम, फव्वारा, जलकुंड या तुलसी का पौधा रखना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
ईशान कोण में नहीं होनी चाहिए ये चीजें
शौचालय या रसोई: इस दिशा में शौचालय या किचन बनवाने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और पारिवारिक सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
भारी फर्नीचर और जूते-चप्पल: इस दिशा में भारी सामान, कबाड़ या जूते-चप्पल रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह घर में आर्थिक और मानसिक परेशानियों का कारण बन सकता है।
गंदगी और काले रंग की वस्तुएं: ईशान कोण को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। इस दिशा में गंदगी या काले रंग की वस्तुओं को रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है, जिससे घर में अशांति और कलह का वातावरण बन सकता है।
कैसे बनाए रखें ईशान कोण का संतुलन?
इस दिशा को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखें।
सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए यहां सुगंधित धूपबत्ती या दीपक जलाएं।
इस दिशा में हल्के रंगों का प्रयोग करें, खासतौर पर सफेद, हल्का पीला या हल्का नीला।
ध्यान रखें कि इस दिशा में कोई टूटी-फूटी या अनुपयोगी वस्तु न रखी हो।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि ईशान कोण को सही तरीके से उपयोग किया जाए और इससे जुड़े नियमों का पालन किया जाए, तो यह घर में सुख, समृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान कर सकता है। इसलिए इस दिशा को विशेष रूप से स्वच्छ और सकारात्मक ऊर्जा से युक्त बनाए रखना चाहिए।