ब्रेकिंग न्यूज़

शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा

Mahakumbh: महाकुंभ में नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने वाली महिलाओं के नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा का बहुत गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह सिंदूर सिर्फ एक श्रृंगार नहीं है।

Mahakumbh:

29-Jan-2025 06:50 AM

By First Bihar

Mahakumbh: प्रयागराज में इस समय महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होगा, और इस दौरान संगम में स्नान करने वाली महिलाओं को नाक तक सिंदूर लगाए हुए देखा जा रहा है। यह दृश्य अपने आप में बहुत खास है। हम जानते हैं कि सिंदूर सिर्फ एक श्रृंगार का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। आइए, इस परंपरा और इसके पीछे की मान्यता को समझते हैं।


नाक से सिर तक सिंदूर का महत्व

महिलाएं जब पवित्र संगम में स्नान करती हैं, तो इसके बाद वे सिर से लेकर नाक तक सिंदूर लगाती हैं। इस सिंदूर को सूर्य की लालिमा से भी जोड़ा जाता है, जो ऊर्जा, शक्ति और जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, सिंदूर की लंबी रेखा, जो महिला के नाक से सिर तक होती है, यह मान्यता प्रकट करती है कि महिला के पति की उम्र लंबी होगी और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस प्रकार, सिंदूर न सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह एक आशीर्वाद भी है जो महिला के जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है।


नारंगी सिंदूर का विशिष्ट महत्व

जहां सामान्य रूप से शादीशुदा महिलाएं लाल रंग का सिंदूर लगाती हैं, वहीं बिहार और झारखंड की महिलाएं सिर से नाक तक नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं। यह परंपरा विशेष रूप से इन राज्यों में निभाई जाती है। इसका एक खास कारण है – हनुमान जी को नारंगी रंग का सिंदूर चढ़ाया जाता है, और यह रंग शुभ माना जाता है। हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है, जबकि शादी के बाद महिला का ब्रह्मचर्य व्रत समाप्त हो जाता है और वह ग्रहस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाती है। इसलिए, यह परंपरा इन राज्यों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।


तरक्की का संकेत सिंदूर की लंबी रेखा

सनातन धर्म में सिंदूर की रेखा को महिला के पति की तरक्की का प्रतीक भी माना जाता है। जितनी लंबी सिंदूर की रेखा होती है, उतनी अधिक तरक्की की संभावना मानी जाती है। इस कारण महिलाएं हमेशा इस रेखा को लंबा रखने का प्रयास करती हैं। यह रेखा सिर्फ सौंदर्य तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह समृद्धि और खुशहाल जीवन के प्रतीक के रूप में देखी जाती है।


कुंवारी कन्याओं के लिए शुभ संकेत

एक और मान्यता यह है कि यदि किसी कुंवारी कन्या पर किसी शादीशुदा महिला का सिंदूर गिर जाता है, तो उसकी शादी जल्दी होने की संभावना होती है। यह एक प्रकार की शुभ शुरुआत मानी जाती है, जो भविष्य में अच्छे और समृद्ध जीवन की ओर इशारा करती है।


महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने वाली महिलाओं के नाक तक सिंदूर लगाने की परंपरा एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि जीवन की सुख-समृद्धि और आशीर्वाद का भी संकेत देती है। यह परंपरा महिलाओं के जीवन में ऊर्जा, शक्ति और खुशहाली का संचार करती है। चाहे वह नारंगी सिंदूर की मान्यता हो या सिंदूर की लंबी रेखा का महत्व, यह सभी पहलू जीवन के अच्छे और समृद्ध भविष्य की ओर इशारा करते हैं।