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Religion: भारत के ये 5 पर्वत जहाँ आज भी भगवान करते हैं वास, कठिनाइयों का सामना कर यहां पहुंचते हैं श्रद्धालु

Religion: भारत की धरती आस्था और अध्यात्म का अनमोल खजाना है। यहाँ के समुद्र, नदियाँ और पहाड़ न सिर्फ अपनी खूबसूरती से मन मोहते हैं, बल्कि कई जगहों पर देवी-देवताओं का निवास भी माना जाता है। खासकर कुछ पर्वत ऐसे हैं, जिन्हें भगवान का घर कहा जाता है।

Religion

13-Apr-2025 07:41 AM

Religion: इन पर्वतों की पवित्रता और दिव्य ऊर्जा को महसूस करने के लिए भक्त कठिन से कठिन रास्तों को भी पार कर लेते हैं। चाहे वह माता वैष्णो देवी का त्रिकुटा हो या भगवान शिव का कैलाश, हर जगह की अपनी कहानी और महिमा है। 


गोवर्धन पर्वत

वृंदावन के पास बसा गोवर्धन पर्वत भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। यह पर्वत बहुत ऊँचा नहीं, लेकिन अपनी लंबाई और आध्यात्मिक महत्व के लिए मशहूर है। मान्यता है कि जब इंद्र ने वृंदावन पर भारी बारिश और तूफान भेजा, तो श्रीकृष्ण ने इस पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर सात दिन तक लोगों को आश्रय दिया। गोवर्धन की परिक्रमा करना आज भी भक्तों के लिए पुण्य का काम माना जाता है। हर साल लाखों लोग यहाँ आकर श्रीकृष्ण की कृपा और प्रेम का अनुभव करते हैं। 


त्रिकुटा पर्वत

जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित त्रिकुटा पर्वत माता वैष्णो देवी का घर है। इस पर्वत की चोटी पर माता का मंदिर हर भक्त को अपनी ओर खींचता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए 12 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है, लेकिन माता के दर्शन की लालसा भक्तों को थकने नहीं देती। मान्यता है कि जो सच्चे मन से यहाँ आता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। त्रिकुटा की हवा में माता की शक्ति का एहसास होता है, और यहाँ का ‘जय माता दी’ का नारा हर किसी को जोश से भर देता है।


कैलाश पर्वत

तिब्बत में बसा कैलाश पर्वत दुनिया के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायी इसे आस्था का केंद्र मानते हैं। इसे भगवान शिव का निवास कहा जाता है, जिनका शिखर आकाश को छूता है। कोई भी इस पर्वत पर चढ़ाई नहीं करता, लेकिन 52 किलोमीटर की परिक्रमा करना जीवन के पापों को धोने वाला माना जाता है। कैलाश की खूबसूरती और शांति ऐसी है कि यहाँ आकर हर भक्त खुद को ईश्वर के करीब पाता है। यहाँ की यात्रा कठिन है, लेकिन शिव भक्तों का हौसला कभी कम नहीं होता।


अरुणाचल पर्वत

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित अरुणाचल पर्वत को स्वयं भगवान शिव का रूप माना जाता है। इस पर्वत की चोटी पर अन्नामलैयार मंदिर है, जो देश के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक है। रमण महर्षि जैसे संतों ने यहाँ तपस्या की और इसकी महिमा को दुनिया तक पहुँचाया। भक्त नंगे पाँव इस पर्वत की परिक्रमा करते हैं, जिसे ‘गिरिवलम’ कहते हैं। मान्यता है कि यहाँ की हवा में शिव की ऊर्जा बसी है, जो मन को शांति देती है। अरुणाचल की सैर हर शिव भक्त के लिए अविस्मरणीय अनुभव है।


पार्वती घाटी

हिमाचल प्रदेश की पार्वती घाटी न सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है, बल्कि यह भगवान शिव से भी गहरा नाता रखती है। कहा जाता है कि यहाँ भोलेनाथ ने हजारों साल तक ध्यान किया था। इस घाटी की हर चट्टान और हर नदी में शिव की मौजूदगी का एहसास होता है। कसोल और मनिकर्ण जैसे स्थानों पर भक्त और पर्यटक दोनों यहाँ की शांति और तेज को महसूस करने आते हैं।