ब्रेकिंग न्यूज़

Road Accident: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो तेज पलटी, चार लोग गंभीर रुप से घायल Kantara Chapter Day 8: ‘कांतारा चैप्टर 1’ बनी साल की दूसरी सबसे बड़ी हिट फिल्म, जानें कितनी हुई कमाई Bihar News: नामांकन से पहले 1125 लीटर शराब बरामद, ट्रक चालक गिरफ्तार EC Action : बुरे फंसे सांसद पप्पू यादव, आदर्श आचार संहिता का केस दर्ज; जानिए क्या है वजह Bihar Election 2025: EC का बड़ा फैसला, बिहार चुनाव में 8.5 लाख अधिकारियों की तैनाती तय; आयोग ने जारी किया नोटिफिकेशन Fake Job Abroad: अमेरिका और यूरोप में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, जालसाजी में फंसे बिहार के 300 बेरोजगार युवक Karwa Chauth 2025 : प्रेम, तपस्या और चंद्रमा की इंतज़ार भरी रात, जाने कब दिखेगा चांद? Global Warming: विश्व की करोड़ों इमारतें बन जाएंगी समुद्र का निवाला, खतरे में भारत के भी कई शहर Bihar Weather: बिहार में सर्दी की शुरुआत के साथ मानसून की विदाई तय, आज केवल इन जिलों में बारिश की संभावना Bihar Election 2025: पटना में आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू, इस दिन तक भर सकेंगे प्रत्याशी अपना पर्चा

Narak Nivaran Chaturdashi: नरक निवारण चतुर्दशी, पापों से मुक्ति और शिव कृपा प्राप्त करने का पर्व

सनातन धर्म में व्रत और उपवास को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना गया है। इन्हीं विशेष व्रतों में से एक है नरक निवारण चतुर्दशी, जो व्यक्ति को पापों से मुक्त कर मोक्ष के द्वार तक ले जाने वाला पर्व है।

Narak Nivaran Chaturdashi

23-Jan-2025 06:15 AM

By First Bihar

Narak Nivaran Chaturdashi: सनातन धर्म में कुछ व्रत ऐसे हैं जो व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाने के साथ ही नर्क से बचाव का मार्ग दिखाते हैं। इन्हीं व्रतों में से एक है नरक निवारण चतुर्दशी, जिसे माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस व्रत को विधिपूर्वक करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद नर्क नहीं जाना पड़ता। आइए, इस महत्वपूर्ण व्रत की तिथि, पूजा विधि, और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।


नरक निवारण चतुर्दशी 2025: तिथि और समय

मिथिला पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 27 जनवरी 2025 को रात 7:33 बजे होगा और यह तिथि 28 जनवरी 2025 को शाम 7:21 बजे समाप्त होगी।

उदया तिथि की मान्यता के आधार पर, इस साल नरक निवारण चतुर्दशी का व्रत मंगलवार, 28 जनवरी 2025 को रखा जाएगा।


नरक निवारण चतुर्दशी व्रत का महत्व

यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और शिवजी की उपासना करने से व्यक्ति को मनवांछित फल प्राप्त होता है।

इस व्रत को रखने से भगवान शिव अनजाने में किए गए पापों को क्षमा कर देते हैं।

भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

यह व्रत व्यक्ति को नर्क जैसे कष्टदायी अनुभवों से बचाने में सहायक माना जाता है।


व्रत की विधि और पूजा-अर्चना

सुबह स्नान और संकल्प:

व्रत करने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।


शिवजी की पूजा:

भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।

शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, पुष्प, धतूरा, और भस्म अर्पित करें।

पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।


फलाहार:

व्रत के दौरान केवल फल और जल का सेवन करें।

कुछ भक्त निर्जला व्रत भी रखते हैं।


व्रत का पारण

व्रत का पारण सूर्यास्त के बाद किया जाता है।

पारण के लिए मीठे फल या जल ग्रहण करें।

बेर से पारण करना इस व्रत में शुभ माना गया है।


धार्मिक कथाओं में व्रत का महत्व

पुराणों में कई कथाएं इस व्रत के महत्व को रेखांकित करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति जीवन के हर कष्ट से मुक्त हो जाता है।


प्रसंग से सीख

नरक निवारण चतुर्दशी हमें यह सिखाती है कि पवित्रता, संयम, और ईश्वर की भक्ति से जीवन के हर संकट का समाधान संभव है। यह व्रत न केवल पापों से मुक्ति का मार्ग दिखाता है, बल्कि हमें शुद्ध और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा भी देता है।नरक निवारण चतुर्दशी का पालन कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें और जीवन को कल्याणकारी बनाएं।