ब्रेकिंग न्यूज़

Dularchand murder case : आधी रात CJM कोर्ट में पेश हुए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, जेल भेजने की शुरू हुई तैयारी Anant Singh arrest: मुश्किलों में फंसे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, दुलारचंद यादव की हत्या के समय खुद थे मौजूद दुलारचंद हत्या के मामले में पुलिस ने अनंत सिंह समेत तीन लोगों को किया अरेस्ट, SSP ने कहा - घटना के वक्त खुद मौजूद थे JDU कैंडिडेट Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं

फाल्गुन अमावस्या 2025 की डेट, महत्व और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय जानें

फाल्गुन अमावस्या, जो इस वर्ष 27 फरवरी 2025 को पड़ रही है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन गंगा स्नान, तर्पण और दान-पुण्य करने का विधान है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Falgun Amavasya 2025

14-Feb-2025 06:00 AM

By First Bihar

Falgun Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन पवित्र और विशेष माना गया है। यह दिन पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025, गुरुवार को है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, तर्पण और दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में खुशहाली आती है।


फाल्गुन अमावस्या 2025: तिथि और समय

अमावस्या आरंभ: 27 फरवरी 2025, सुबह 8:54 मिनट

अमावस्या समाप्ति: 28 फरवरी 2025, सुबह 6:14 मिनट


फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म जैसे तर्पण, स्नान, और दान से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह दिन नेत्रदान और जीवदान जैसे पुण्य कार्यों के लिए भी उपयुक्त माना गया है।


पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

गंगा स्नान और तर्पण:

स्नान के दौरान जल में काले तिल डालें और पवित्र नदियों में स्नान करें।

तर्पण में तिल और कुशा का उपयोग करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।


पीपल पूजन:

सुबह पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें।

शाम को गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और पितृ सूक्त का पाठ करें। यह क्रिया पितरों की आत्मा को तृप्त करती है।


धूप और दीप अर्पण:

गाय के गोबर से बने कंडे पर घी और गुड़ डालकर धूप दें।

"पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु" मंत्र का जाप करें।

पितरों को याद करते हुए गाय को हरा चारा खिलाएं। यह वंश वृद्धि और परिवार की समृद्धि के लिए शुभ माना गया है।


दान का महत्व

फाल्गुन अमावस्या पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना पुण्यकारी होता है।

काले तिल, अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करें।

गायों को भोजन और हरा चारा दें।

नेत्रदान, रक्तदान, या जीवदान का संकल्प लें। यह पितरों को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम उपाय है।


विशेष धार्मिक क्रियाएं

पवित्र दीपदान:

सूर्यास्त के समय दीप जलाकर पवित्र नदियों में प्रवाहित करें।

संकल्प और मंत्र जाप:

इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए संकल्प लें और पितृ शांति के लिए मंत्र जाप करें।


पितरों की तृप्ति के लिए अनुष्ठान:

पितृ दोष निवारण के लिए पंडितों द्वारा विशेष अनुष्ठान कराएं।

फाल्गुन अमावस्या का प्राकृतिक महत्व

फाल्गुन अमावस्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी दिन है। इस दिन पेड़ों, नदियों, और पशु-पक्षियों की सेवा करना हमारे पर्यावरण और समाज के लिए भी लाभकारी होता है।


फाल्गुन अमावस्या 2025 का यह पवित्र दिन हमें पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर देता है। गंगा स्नान, तर्पण, और दान जैसे धार्मिक कर्म करने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस शुभ दिन पर धार्मिक क्रियाओं का पालन अवश्य करें और अपने पितरों को प्रसन्न करें।