ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

Pradosh Fast: प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र जप

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और मंगलकारी व्रत माना जाता है, जो प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Pradosh Fast

04-Mar-2025 06:51 AM

Pradosh Fast: प्रदोष व्रत सनातन धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत माना जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा जीवन की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिव भक्तों के लिए यह व्रत विशेष महत्व रखता है, क्योंकि प्रदोष काल में की गई पूजा शीघ्र फलदायी मानी जाती है।


प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी है जो धन, स्वास्थ्य, परिवारिक सुख, संतान सुख या कार्य में सफलता की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रद्धा भाव से शिव-शक्ति की पूजा करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।


प्रदोष व्रत तिथि एवं शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि

शुभारंभ: 11 मार्च, सुबह 08:13 बजे

समाप्ति: 12 मार्च, सुबह 09:11 बजे

प्रदोष काल पूजा का समय: 11 मार्च को सायंकाल के समय शिव पूजन विशेष फलदायी रहेगा।


प्रदोष व्रत पूजा विधि

स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। 

शिवलिंग का अभिषेक: भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करें। 

श्रद्धा पूर्वक पूजन: धूप, दीप, अक्षत, बेलपत्र, भस्म, चंदन और फल-फूल से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। 

राशि अनुसार मंत्र जप: प्रदोष व्रत के दिन अपनी राशि के अनुसार शिव मंत्र का जाप करें।

आरती करें: शिव जी की आरती गाकर भोग अर्पित करें और पूजा संपन्न करें।


राशि अनुसार मंत्र जप

मेष राशि

🔹 मंत्र: "ॐ महाकालाय नमः" एवं "ॐ पूर्णानन्दाय नमः"


वृषभ राशि

🔹 मंत्र: "ॐ उमापति नमः" एवं "ॐ महामतये नमः"


मिथुन राशि

🔹 मंत्र: "ॐ भोलेनाथाय नमः" एवं "ॐ पूर्णबोधाय नमः"


कर्क राशि

🔹 मंत्र: "ॐ चंद्रधारी नमः" एवं "ॐ भीमाय नमः"


सिंह राशि

🔹 मंत्र: "ॐ ज्योतिलिंगाय नमः" एवं "ॐ लोकनाथाय नमः"


कन्या राशि

🔹 मंत्र: "ॐ त्रिनेत्राय नमः" एवं "ॐ सुरेशाय नमः"


तुला राशि

🔹 मंत्र: "ॐ केदारनाथाय नमः" एवं "ॐ कपिराजाय नमः"


वृश्चिक राशि

🔹 मंत्र: "ॐ सोमनाथाय नमः" एवं "ॐ वीराय नमः"


धनु राशि

🔹 मंत्र: "ॐ महेशाय नमः" एवं "ॐ ब्रह्मण्याय नमः"


मकर राशि

🔹 मंत्र: "ॐ नागधारी नमः" एवं "ॐ रामदूताय नमः"


कुंभ राशि

🔹 मंत्र: "ॐ नीलेश्वराय नमः" एवं "ॐ हनुमते नमः"


मीन राशि

🔹 मंत्र: "ॐ गोरीशंकराय नमः" एवं "ॐ अञ्जनापुत्राय नमः"


प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ दिन होता है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत और पूजा करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। शिव जी की उपासना से जीवन में सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से समस्त दोषों से मुक्ति मिलती है और साधक के जीवन में मंगलकारी परिवर्तन आते हैं।