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04-Mar-2025 06:51 AM
By First Bihar
Pradosh Fast: प्रदोष व्रत सनातन धर्म में अत्यंत शुभ और फलदायी व्रत माना जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने से साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा जीवन की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिव भक्तों के लिए यह व्रत विशेष महत्व रखता है, क्योंकि प्रदोष काल में की गई पूजा शीघ्र फलदायी मानी जाती है।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के समस्त कष्टों का नाश होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी है जो धन, स्वास्थ्य, परिवारिक सुख, संतान सुख या कार्य में सफलता की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन श्रद्धा भाव से शिव-शक्ति की पूजा करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत तिथि एवं शुभ मुहूर्त
वर्ष 2025 में फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि
शुभारंभ: 11 मार्च, सुबह 08:13 बजे
समाप्ति: 12 मार्च, सुबह 09:11 बजे
प्रदोष काल पूजा का समय: 11 मार्च को सायंकाल के समय शिव पूजन विशेष फलदायी रहेगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
शिवलिंग का अभिषेक: भगवान शिव का जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करें।
श्रद्धा पूर्वक पूजन: धूप, दीप, अक्षत, बेलपत्र, भस्म, चंदन और फल-फूल से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
राशि अनुसार मंत्र जप: प्रदोष व्रत के दिन अपनी राशि के अनुसार शिव मंत्र का जाप करें।
आरती करें: शिव जी की आरती गाकर भोग अर्पित करें और पूजा संपन्न करें।
राशि अनुसार मंत्र जप
मेष राशि
🔹 मंत्र: "ॐ महाकालाय नमः" एवं "ॐ पूर्णानन्दाय नमः"
वृषभ राशि
🔹 मंत्र: "ॐ उमापति नमः" एवं "ॐ महामतये नमः"
मिथुन राशि
🔹 मंत्र: "ॐ भोलेनाथाय नमः" एवं "ॐ पूर्णबोधाय नमः"
कर्क राशि
🔹 मंत्र: "ॐ चंद्रधारी नमः" एवं "ॐ भीमाय नमः"
सिंह राशि
🔹 मंत्र: "ॐ ज्योतिलिंगाय नमः" एवं "ॐ लोकनाथाय नमः"
कन्या राशि
🔹 मंत्र: "ॐ त्रिनेत्राय नमः" एवं "ॐ सुरेशाय नमः"
तुला राशि
🔹 मंत्र: "ॐ केदारनाथाय नमः" एवं "ॐ कपिराजाय नमः"
वृश्चिक राशि
🔹 मंत्र: "ॐ सोमनाथाय नमः" एवं "ॐ वीराय नमः"
धनु राशि
🔹 मंत्र: "ॐ महेशाय नमः" एवं "ॐ ब्रह्मण्याय नमः"
मकर राशि
🔹 मंत्र: "ॐ नागधारी नमः" एवं "ॐ रामदूताय नमः"
कुंभ राशि
🔹 मंत्र: "ॐ नीलेश्वराय नमः" एवं "ॐ हनुमते नमः"
मीन राशि
🔹 मंत्र: "ॐ गोरीशंकराय नमः" एवं "ॐ अञ्जनापुत्राय नमः"
प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ दिन होता है। इस दिन श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत और पूजा करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं। शिव जी की उपासना से जीवन में सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से समस्त दोषों से मुक्ति मिलती है और साधक के जीवन में मंगलकारी परिवर्तन आते हैं।