बेगूसराय: पोल में बांधकर मोबाइल चोर की पिटाई, पुलिस ने भीड़ से बचाया कुर्था के पूर्व विधायक सत्यदेव कुशवाहा के श्राद्धकर्म में मुख्यमंत्री हुए शामिल, पैतृक गांव पहुंचकर नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि Bihar Politics: बिहार में युवा आयोग के गठन के फैसले को नित्यानंद राय से सराहा, नीतीश सरकार के निर्णय को बताया ऐतिहासिक Bihar Politics: बिहार में युवा आयोग के गठन के फैसले को नित्यानंद राय से सराहा, नीतीश सरकार के निर्णय को बताया ऐतिहासिक Bihar Viral Video: सिक्सर के 6 गोली छाती में रे.. गयाजी में बार बाला संग डांस करते दिखे थानेदार, SSP ने किया सस्पेंड Bihar Viral Video: सिक्सर के 6 गोली छाती में रे.. गयाजी में बार बाला संग डांस करते दिखे थानेदार, SSP ने किया सस्पेंड बिहार सरकार की बड़ी पहल: 1.11 करोड़ पेंशनधारियों के खातों में DBT से ₹1227 करोड़ भेजेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार Bihar Crime News: बिहार में 13 लाख की कोडिनयुक्त कफ सिरप जब्त, लग्जरी कार और पिकअप वैन से पहुंची थी बड़ी खेप गोपाल खेमका की हत्या की प्लानिंग 1.5 माह पहले बनी...मर्डर के बाद बाकी पैसा दिय़ा गया, अपने इस मित्र के साथ हर दिन बांकीपुर क्लब जाते थे 'खेमका' Bihar News: बिहार में पहली बार स्वास्थ्य मेला का आयोजन, जानिए.. कब और कहां लगेगा हेल्थ एग्जीबिशन?
18-Mar-2025 05:28 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में मंगलवार को उस समय हलचल मच गई जब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल और वीआईपी प्रमुख एवं पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की पटना में मुलाकात हुई। विधानसभा चुनाव से पहले इस खास मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
श्रवण कुमार अग्रवाल और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं हालांकि, श्रवण कुमार अग्रवाल ने इसे एक व्यक्तिगत भेंट बताया है। उन्होंने कहा, "मुकेश सहनी अति पिछड़ा समाज के एक बड़े नेता हैं और राज्य की राजनीति में उनका व्यापक प्रभाव है। उनसे मेरा पुराना और व्यक्तिगत संबंध रहा है, इसी नाते मैं उनसे मिलने गया था।
जिस तरह यह मुलाकात एक घंटे से भी अधिक समय तक चली, उसे लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार की राजनीति में इस बैठक के दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। विशेष रूप से, जब बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं, तब इस तरह की मुलाकातों का महत्व और बढ़ जाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के वोट बैंक को साधने की रणनीति के तहत यह मुलाकात हुई हो सकती है। अब देखना यह होगा कि यह मुलाकात महज एक शिष्टाचार भेंट थी या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक योजना छिपी हुई है। आने वाले दिनों में इस पर और स्पष्टता आ सकती है।