Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर
04-Oct-2025 02:13 PM
By MANOJ KUMAR
Bihar Politics: विधानसभा चुनाव आते ही बिहार में एक बार फिर से नाकारा विधायकों का विरोध जनता करने लगी है। पिछले कुछ दिनों में विधायकों के विरोध की खबरें लगातार सामने आ रही है। पिछले दिनों आरजेडी के विधायकों के अपने ही क्षेत्र में विरोध की खबरें आई थी। अब लोगों ने जेडीयू विधायक का विरोध किया है और चुनाव से पहले लापता घोषत कर दिया है।
दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के सकरा विधानसभा क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां के जेडीयू विधायक अशोक चौधरी को लेकर क्षेत्र की जनता खुलकर नाराजगी जाहिर कर रही है। क्षेत्र के कई इलाकों में विधायक के खिलाफ “लापता” लिखे पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों पर बड़े अक्षरों में लिखा गया है कि “यहां के माननीय विधायक लापता हैं — पांच साल में कोई काम नहीं हुआ, सड़क टूटी जनता पीटी, माननीय जी गायब!”
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में अशोक चौधरी ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन जीत के बाद वे क्षेत्र से गायब हो गए। विकास योजनाएं ठप पड़ी हैं, सड़कों की स्थिति बदतर है, कई पंचायतों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।
सकरा प्रखंड के मुख्य मार्गों, चौक-चौराहों, स्कूलों और पंचायत भवनों के आस-पास “लापता विधायक” के पोस्टर चस्पा किए गए हैं। पोस्टरों में लिखा है “नाम 93 सकरा प्रखंड के माननीय विधायक जी की पहचान — वादे बड़े, काम शून्य। 5 साल में सड़क टूटी, जनता पीटी। अब चुनाव नजदीक तो सड़क याद आ गई।” जनता का आरोप है कि विधायक अब अपने बेटे को आगे कर राजनीति में सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पांच साल तक जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विधायक अशोक चौधरी ने चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र की कोई सुध नहीं ली। कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। बारिश के दिनों में गांवों की सड़कें दलदल में तब्दील हो जाती हैं। जनसमस्याओं को लेकर जनता का कहना है कि वे सिर्फ चुनाव के वक्त दिखाई देते हैं, बाकी समय लापता रहते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। जनता अब नया चेहरा चाहती है। कई सामाजिक संगठनों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है कि अगर विधायक ने जनता से दूरी बनाए रखी तो अगला चुनाव कठिन साबित हो सकता है।
जानकारों का कहना है कि जदयू के लिए इस बार सकरा सीट चुनौती बन सकती है। जनता की नाराजगी और “लापता विधायक” के बैनरों ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अशोक चौधरी पर दोबारा भरोसा जताती है या किसी नए चेहरे को मौका देती है। फिलहाल सकरा में “लापता विधायक” की चर्चा हर गली और चौराहे पर हो रही है। यह मामला सिर्फ नाराजगी नहीं, बल्कि जनता की भावना और क्षेत्र के विकास के प्रति उठती आवाज भी है।