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Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मांझी की पार्टी को बड़ा झटका, पुराने साथी ने दिया इस्तीफा; निर्दलीय मैदान में उतरे

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हम पार्टी को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय प्रवक्ता इंजीनियर नंदलाल मांझी ने पार्टी छोड़कर बोधगया से निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है.

Bihar Politics

22-Oct-2025 11:31 AM

By FIRST BIHAR

Bihar Politics: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, प्रदेश की सियासत का पारा भी तेजी से चढ़ता जा रहा है। इस बार चुनाव से पहले लगभग सभी राजनीतिक दलों में बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं, लेकिन हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) यानी हम पार्टी में असंतोष कुछ ज्यादा ही गहराता नजर आ रहा है।


हम पार्टी को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक और राष्ट्रीय प्रवक्ता इंजीनियर नंदलाल मांझी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यही नहीं, उन्होंने बोधगया विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी दाखिल कर दिया है।


इंजीनियर नंदलाल मांझी हम पार्टी के सबसे समर्पित और मेहनती नेताओं में गिने जाते थे। वे पार्टी की स्थापना से ही जीतन राम मांझी के सबसे करीबी और विश्वासी नेताओं में शामिल रहे। उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिससे वे बेहद आहत हुए।


माना जा रहा है कि हम पार्टी में परिवारवाद और धनबल के प्रभाव ने पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को हाशिए पर पहुंचा दिया है। नंदलाल मांझी ने आरोप लगाया कि टिकट वितरण में परिवारवाद को तरजीह दी गई, जबकि जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई। यही नहीं, चुनाव के समय पुराने वफादार नेताओं और कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर 'बाहरी' लोगों को तरजीह दी जा रही है।


उन्होंने कहा, "हम पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो चोला बदलकर आते हैं और टिकट ले जाते हैं। हमारी पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है। यही कारण है कि मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया और जनता की मांग पर बोधगया से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।"


नंदलाल मांझी का यह कदम हम पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले भी पार्टी छोड़ने वालों की सूची लंबी होती जा रही है। लक्ष्मण मांझी के बाद अब पार्टी की 'रीढ़' माने जाने वाले नंदलाल मांझी का अलग होना, पार्टी के अंदर गहराते संकट की ओर इशारा करता है।


नंदलाल मांझी ने यह भी बताया कि पिछली बार जीतने वाले हम पार्टी के कुछ विधायक जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके। ऐसे में पार्टी की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने यह दावा किया कि वे जनता की आवाज बनकर चुनावी मैदान में उतरे हैं।