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12-May-2023 09:38 PM
By First Bihar
DESK: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि NSA लगाने को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने बडा बयान दिया है. राज्यपाल ने कहा है कि इस मामले में उनके बारे में गलत जानकारी फैलायी जा रही हैं. ऐसी गलत खबर फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
बता दें कि विभिन्न समाचार माध्यमों में ये खबर चलायी जा रही है कि बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ तमिलनाडु के राज्यपाल ने कार्रवाई की है. तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने मनीष कश्यप पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि NSA लगाने की मंजूरी दी है. इसके बाद मनीष कश्यप को कम से कम 11 महीने जेल में काटने होंगे. उसके बाद ही जमानत की अर्जी लगायी जा सकती है.
राज्यपाल को गंभीर आपत्ति
इस मामले में आज तमिलनाडु के राजभवन की ओऱ से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है. राजभवन ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है. “हमारे संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया में यह संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि तमिलनाडु के माननीय राज्यपाल ने बिहार के एक व्यक्ति के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई को मंजूरी दी है. यह स्पष्ट किया जाता है कि सूचना सत्य नहीं है. माननीय राज्यपाल ने स्वयं किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) स्वीकृत नहीं किया है.”
तमिलनाडु के राजभवन की ओऱ से कहा गया है-“हम नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे असत्यापित फॉरवर्ड या सामग्री को साझा या प्रचारित न करें. झूठी और भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी.”
दरअसल मनीष कश्यप के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि NSA की कार्रवाई करने का फैसला तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने लिया है. राज्यपाल इस मामले में अपना नाम घसीटे जाने से नाराज हैं. मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले का फेक वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का आरोप है. तमिलनाडु सरकार ने पहले तो मनीष कश्यप के खिलाफ कई केस दर्ज किये और बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इससे मनीष कश्यप को लंबे समय तक हिरासत में रखा जायेगा. इस केस में तीन महीने तक जमानत मिलने की कोई संभावना नहीं है. संदेह के आधार पर 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है. बता दें कि किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा को खतरे की आशंका होने पर एनएसए एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है.